*प्रभु यीशु मसीह* का पुनरुत्थान, प्रेम, क्षमा और नया जीवन पाने की आशा का प्रतीक है ----फादर फिलिप
सिटी रिपोर्टर : मधुबनी,
शहर स्थित प्रोटेस्टेंट एंड कैथोलिक चर्च में आयोजित प्रार्थना सभा में ,
प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान की खुशी में चर्च को पुष्पों और रंग-बिरंगी रोशनी से ऐसे सजाया गया
सुबह से ही ईसाई समुदाय के लोग पारंपरिक वस्त्रों में चर्च में एकत्र
हुए ।
फादर्स द्वारा प्रभु यीशु के बलिदान और पुनरुत्थान का संदेश दिया गया। उन्होंने कहा, "ईस्टर हमें यह सिखाता है कि अंधकार चाहे जितना भी घना हो, प्रकाश उसे हर बार पराजित करता है। मसीह का पुनरुत्थान, प्रेम, क्षमा और नया जीवन पाने की आशा का प्रतीक है।
प्रार्थना सभा के उपरांत चर्च परिसर हाले लुयाह' भजनों की मधुर स्वर लहरियों से गूंज उठा।
श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को ईस्टर की बधाई दी और प्रभु के प्रेम में आत्मविभोर हो गए।
बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम और 'ईस्टर एग हंट' भी आकर्षण का केंद्र रहा।
इस पावन अवसर पर तीन बालिकाओं को फादर द्वारा बपतिस्मा दिया गया, जो ईश्वर से एक आध्यात्मिक बंधन में जुड़ने की शुरुआत मानी जाती है।
यह क्षण सभी के लिए अत्यंत भावुक और दिव्यता से परिपूर्ण था।
मौके पर फादर बाबू, फादर जॉयसन, फादर फिलिप, निलेश, आशा ,अमित, मीणा, चंद्रकांत मिश्र, ग्रेसमिंज, शिप्रा समेत अन्य श्रद्धालुओं ने प्रभु यीशु के पुनरुत्थान की इस खुशियों भरी घड़ी में सहभागिता की।
श्रद्धालुओं ने बताया कि ईस्टर न केवल धार्मिक उल्लास का दिन है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक जागरण का भी प्रतीक है, जो मानवता को प्रेम, करुणा और आशा का संदेश देता है।
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