मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन होगा और तेज : भाकपा-माले
सुमित कुमार राउत की रिपोर्ट
मधुबनी
भाकपा-माले नगर कमिटी, मधुबनी के बैनर तले सैकड़ों कार्यकर्ताओं और आम जनता ने नगर संयोजक विश्वम्भर कामत के नेतृत्व में जिला समाहरणालय के समक्ष विशाल धरना-प्रदर्शन किया और प्रशासन को पंद्रह सूत्री मांगपत्र का ज्ञापन सौंपा।
धरना को संबोधित करते हुए भाकपा-माले के जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण ने कहा कि मधुबनी में गरीबों के साथ भेदभाव हो रहा है और प्रशासन गरीबों के मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने जिले की प्रमुख समस्याओं को उठाते हुए निम्नलिखित मांगें जोरदार ढंग से रखीं।
इन मांगों में लहेरियागंज-जितवारपुर रोड में पुलिस थाना का निर्माण, दीपक साह के हत्यारों की गिरफ्तारी, लहेरियागंज में सड़क जाम के नाम पर दर्ज किए गए मुकदमे की वापसी, मधुबनी नगर निगम क्षेत्र (भौआड़ा गंगासागर, कंजर टोली, सप्ता, कामत भवानीपुर, आदर्श नगर) व आसपास के इलाकों (रहिका अंचल के सैदपुर व केशोपुर पंचायत, खजुरी, राजनगर अंचल के मंगरौनी मौजा के माले नगर में वर्षों से बसे सैकड़ो दलित-गरीब परिवारों को बसावट का अधिकार (बासभूमि पर्चा) और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान, बिहार भूमि सुधार (संशोधन)अधिनियम, 2016 के तहत भौआड़ा गंगासागर में हुए नियमविरुद्ध भूमि बिक्री आदेश को रद्द करना, सभी नहरों (कैनालों) की सफाई, बाईपास सड़क का निर्माण, नगर निगम में कार्यरत सफाईकर्मियों को नियमित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान शामिल है।
वहीं, माले महिला नेत्री कॉमरेड पूजा ने अपने संबोधन में कहा कि मधुबनी में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने महिलाओं के सम्मान की रक्षा हेतु कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
इस धरने में भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता सुभेश चंद्र झा, मयंक कुमार यादव, श्याम पंडित, उत्तीम पासवान, योगेंद्र यादव, अजित कुमार ठाकुर, हरिनारायण कामत, सिंहेश्वर पासवान, अशर्फी सदाय, बीरेंद्र पासवान, अरविंद पासवान, दिलीप कुमार राम, पूजा देवी, मोहम्मद इमरान, संतोष साह, अंजू देवी, शैनी शाह, नमीशिन खातून, बीभा देवी सदाय, शंभू दास, राजू पासवान, अजय पासवान, जगरनाथ शाह वगैरह ने संबोधित किया, जबकि सैकड़ों की संख्या में गरीब महिला पुरूष जनता ने भाग लिया।
भाकपा-माले ने चेताया कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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