कवयित्री विभा झा 'विभासित' रचित 'विभासित राग' का लोकार्पण
रिपोर्ट : उदय कुमार झा
मधुबनी : 11:03:2025
सुप्रसिद्ध कवयित्री विभा झा 'विभासित' की नवीनतम मैथिली काव्य संग्रह 'विभासित राग' का भव्य लोकार्पण मंगलवार को काली मंदिर परिसर, मधुबनी में संपन्न हुआ। इस अवसर पर साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम की शुरुआत रतिश चन्द्र मिश्रा 'छोटकन जी' ने गणेश वंदना से किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात साहित्यकार डॉ. विनयानन्द झा ने कहा कि 'विभासित राग' मैथिली साहित्य को एक नया आयाम प्रदान करेगा और पाठकों को संवेदनशील अभिव्यक्ति का अनुभव कराएगा। कवयित्री विभा झा 'विभासित' ने अपनी रचनाओं में समाज, संस्कृति और मानवीय भावनाओं को सशक्त रूप से उकेरा है।
इस अवसर पर दरभंगा के वरिष्ठ साहित्यकार चंद्रेश जी एवं चंद्रमोहन झा 'पड़वा' ने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए इसे मैथिली भाषा के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान बताया। इस लोकार्पण समारोह में रेवती रमन झा, दयाशंकर मिथिलांचली, पंडित नरेश ठाकुर, आनंद मोहन, विनय विश्वबंधु, अनामिका, अनुपम की भी उपस्थिति रही। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित साहित्यप्रेमियों ने भी कवयित्री की कविताओं को सराहा और उनकी रचनाधर्मिता की सराहना की। मंच संचालन का कार्य वरिष्ठ कवि सुभाष चन्द्र झा 'सिनेही' जी ने किया।
कार्यक्रम के अंत में विभा झा 'विभासित' ने सभी अतिथियों, साहित्य प्रेमियों और आयोजन समिति का आभार व्यक्त किया। इस लोकार्पण समारोह ने मैथिली साहित्य को और समृद्ध करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित किया।
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