शिक्षण संस्थानों के आस पास तम्बाकू उत्पाद बेचने पर होगी कड़ी दंडात्मक कार्रवाई
• तंबाकू नियंत्रण हेतु त्रिस्तरीय छापामार दस्ता का सीड्स के सहयोग से हुआ प्रशिक्षण
• जिला प्रशासन व पुलिस नियम-उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ़ चलाएगा जोरदार अभियान
• सभी सरकारी कार्यालयों में भी तम्बाकू मुक्त क्षेत्र का बोर्ड लगाने का दिया गया निर्देश
मधुबनी : 01:03:2025
तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत गठित त्रिस्तरीय छापामार दस्ता का प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। समाहरणालय सभा कक्ष में जिला पदाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के सहयोग से यह आयोजित हुआ। जिला पदाधिकारी ने कहा कि जिले को तम्बाकू मुक्त जिला बनाना है और आने वाली पीढ़ियों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचाना है। उन्होंने तम्बाकू नियंत्रण हेतु जिले में गठित त्रिस्तरीय छापामार दस्ता के सदस्यों से कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के अंदर अवस्थित सभी तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को हटवाएं। इसके लिए नियमित रूप से छापेमारी करें। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों और सरकारी दफ्तरों में तम्बाकू सेवन करने वालों को दण्डित किया जायगा। जिला पदाधिकारी ने सभी सार्वजनिक स्थानों पर और सरकारी कार्यालयों में तम्बाकू मुक्त क्षेत्र का बोर्ड लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि तम्बाकू का किसी भी रूप में सेवन खतरनाक है। जहां छोटे-छोटे बच्चे हैं वहां स्थिति और भी अधिक नाजुक बन जाती है। उन्होंने कहा कि सभी सार्वजनिक स्थानों यथा सरकारी शिक्षण संस्थानों, कार्यालयों, सिनेमा हॉल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित अन्य स्थानों पर धूम्रपान करना दंडनीय अपराध है का बोर्ड लगाएं।
समाज के जागरूक लोगों को आना होगा आगे
जिला पदाधिकारी ने जिले के सभी सामाजिक संस्थानों एवं मीडिया जगत को इस अभियान में सहयोग करने की अपील की। जिला पदाधिकारी ने कहा कि आम लोगों के बीच जाकर तंबाकू के सेवन के दुष्प्रभावों से अवगत करवाते हुए इसपर पूर्ण नियंत्रण लगाने हेतु कार्य करने होंगे। लोगों को तंबाकू का सेवन नहीं करने हेतु प्रेरित एवं जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि तंबाकू को समाप्त करने के लिए समाज के जागरूक लोगों को आगे आना होगा। सभी के सामूहिक प्रयास से इस कार्यक्रम को पंचायत स्तर तक चलाने की जरूरत है।
तम्बाकू नियंत्रण अभियान में सामाजिक संस्थानों को आना होगा आगे
सिविल सर्जन डॉ हरेन्द्र कुमार ने कहा कि इस अभियान को सफल करने के लिए और अधिक प्रयास करनी होगी। लोगों को तंबाकू का सेवन नहीं करने हेतु प्रेरित एवं जागरूक करना होगा। सिविल सर्जन ने इसके लिए सामाजिक संस्थाओं को आगे आने का आह्वान किया।
बिहार में प्रतिदिन 440 नए बच्चे तम्बाकू सेवन की करते हैं शुरुआत
तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम हेतु राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाईटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि बिहार में प्रतिदिन 440 नए बच्चे तम्बाकू सेवन की शुरुआत करते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार एवं सीड्स द्वारा राज्य के सभी 38 जिले में चलाए जा रहे तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा)-2003 की विभिन्न धाराओं के बारे में विस्तार से बताया और राज्य सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी।
मधुबनी जिला पूर्व में ही हो चुका है धूम्रपान मुक्त जिला घोषित
सीड्स के कार्यपालक निदेशक ने बताया कि पहले राज्य स्वास्थ्य समिति और बिहार सरकार द्वारा विभिन्न जिले में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा 2003) के अनुपालन का स्वतंत्र एजेंसी से सर्वेक्षण करवाया जाता था। इसके तहत धूम्रपान मुक्त के तय मानकों के आधार पर मधुबनी जिला को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है।
जिला नोडल पदाधिकारी डॉ. एस. एन. झा ने कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यक्रम प्रबंधक श्री पंकज कुमार मिश्रा धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में सिविल सर्जन, एसीएमओ, सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला नोडल पदाधिकारी डॉ. एस. एन. झा, सीड्स के कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार झा, एनसीडी सेल के लक्ष्मी कांत झा, बीआईईएस के चितरंजन सहाय, आशीष कुमार सिंह, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं मीडियाकर्मी उपस्थित थे।
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