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Tuesday 20 August 2024

डेंगू एवं चिकनगुनिया के क्लीनिकल मैनेजमेंट से रूबरू हुए चिकित्सक

 डेंगू व चिकनगुनिया के क्लीनिकल मैनेजमेंट से चिकित्सक हुए रूबरू


* मॉडल अस्पताल में एक दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ आयोजन

* आस-पास साफ पानी न जमा होने देने की हिदायत 





साभार : सुमित कुमार राउत

मधुबनी





डेंगू एवं चिकनगुनिया के इलाज हेतु जिला अंतर्गत सभी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं निजी अस्पताल के चिकित्सको का एक दिवसीय प्रशिक्षण मॉडल अस्पताल में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया व एसीएमओ डॉ. आर.के. सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यशाला का संचालन डेंगू के नोडल नोडल पदाधिकारी डॉ. विनय कुमार के द्वारा पीपीटी के माध्यम से किया गया।

कार्यक्रम में सभी प्रखंडो के एमओआईसी व निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा पदाधिकारियों को डेंगू एवं चिकनगुनिया के क्लीनिकल मैनेजमेंट से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित चिकित्सकों को डेंगू के मरीज को प्रारंभिक अवस्था में ही चिन्हित कर समुचित इलाज के गुर बताये, ताकि चिकित्सक ससमय सही उपचार प्रारंभ कर सके और जटिलताओं को रोका जा सके। निदान के साथ ही रोगियों को प्रतिवेदित करने और व्यापक निरोधात्मक कार्रवाई प्रारंभ करने पर भी बल दिया, ताकि डेंगू के प्रसार को रोका जा सके। सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने बताया कि बरसात के मौसम में डेंगू फैलाने वाले एडिस मच्छर घरों के आसपास बिखरे टूटे फूटे बर्तनों, गमलों, टायर, छोटे छोटे प्लास्टिक या कागज के डिस्पोजेबल कप, नारियल के खोपरे आदि में जमा बारिश के पानी में अंडे देते हैं, जो एक सप्ताह में मच्छर बन जाते हैं। इसे रोकने के लिए घरों के आस पास, छतों पर या घर के अन्दर पानी जमा न होने दें और सप्ताह में दो बार पानी को बदलते रहें। एडिस मच्छर साफ पानी मे पनपता है और दिन मे ही काटता है।






डेंगू एवं चिकनगुनिया नियंत्रण के लिए अस्पताल बेड आरक्षित :


जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डी.एस. सिंह ने कहा कि डेंगू एवं चिकनगुनिया नियंत्रण के लिए सदर अस्पताल में 8 बेड, अनुमंडलीय अस्पतालों में 4-4 बेड तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2-2 बेड डेंगू वार्ड के लिए सुरक्षित किया गया है। सभी बेड को मेडिकेटेड मच्छरदानी युक्त किया गया है, साथ ही संबंधित मरीजों के उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा की व्यवस्था सभी अस्पतालों में उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है। जिला में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है, तथा एक नियंत्रण दक्ष बनाया गया है। जिला में डेंगू नियंत्रण के लिए नोडल चिकित्सा पदाधिकारी एवं फॉगिंग तथा लार्विसाइडल स्प्रे के लिए नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। 





सदर अस्पताल में कंफर्मेटरी डेंगू जांच के लिए एलिजा किट एवं एलिजा रीडर मशीन उपलब्ध :


जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू की जांच के लिए एनएस 1 एंटीजन किट उपलब्ध है। सदर अस्पताल में कंफर्मेटरी डेंगू जांच के लिए एलिजा किट एवं एलिजा रीडर मशीन उपलब्ध है। डेंगू के मरीज के पुष्टि होने पर मरीज के निवास स्थान के 500 मीटर क्षेत्रों मे जिला मलेरिया कार्यालय द्वारा टेक्निकल मालाथियोन द्वारा फागिंग तथा लार्विसाइडल का छिड़काव कराया जाता है, साथ ही इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा एक्टिव सर्विलांस कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि नए मरीजों की खोज की जा सके। वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन ने कहा कि डेंगू से बचाव के लिए सतर्कता सहित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जन समुदाय से उचित योजना के तहत डेंगू की रोकथाम एवं गतिविधि में सहभागिता ली जाएगी.


प्रशिक्षण कार्यक्रम मे एसीएमओ डॉ. आर.के. सिंह, डीभीडीसीओ डॉ. डी.एस. सिंह, एनसीडीओ डॉ. एस.एन. झा, वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन, आईडीएससी इपीडेमियोलॉजिस्ट अनिल चक्रवर्ती सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।

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