नये नियमो के कारण किसानो को नहीं मिल रहा डीजल अनुदान राशि का लाभ : राजद लदनियां
साभार : सुमित कुमार राउत
लदनियां
मधुबनी जिले के लदनियां प्रखंड क्षेत्र के किसानों को नहीं मिल रहा है डीजल अनुदान। ज्ञात हो कि बिहार सरकार के द्वारा सूखे की मार झेल रहे किसानों को राहत देने के लिए किसानों को डीजल से सिंचाई करने के लिए अनुदान देने का फैसला किया है। डीजल अनुदान की राशि किसानों तक पहुंचे इस के लिए सरकार के द्वारा लाया गया नया नियमों से किसानों को लाभ मिलना मुश्किल हो गया है। किसानों के द्वारा किया गया आवेदन रद्द हो रहा है। इस बाबत पूछे जाने पर किसान सलाहकार का कहना है कि डीजल अनुदान के आवेदन में किसानों को नया लगान रसीद एवं रैयत की जमाबंदी नहीं होने पर वंशावली या एलपीसी समिट किया जाना है। सम्प्रति डीजल अनुदान लेने के लिए किसानों को वंशावली एवं एलपीसी बनाने के लिए खेती छोड़कर अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ेगा।
ज्ञात हो कि अंचल कार्यालय में एलपीसी जमाबंदी जिस किसान के नाम से है उसी का बनाया जा रहा है, जबकि यहां के किसानों का अधिकांश जमीन पूर्वजों के नाम पर है,या बटाईदार है । अंचलाधिकारी कुमार राकेश कुमार का कहना है कि बिना जमाबंदी का रैयत का एलपीसी नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार के आदेश होने पर मैनुअल एलपीसी बनाया जा सकता है। इस संबंध में किसानों का रोना है कि खेती बाड़ी छोड़ कर अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ेगा। किसानों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार डीजल अनुदान के बदले भीख मांगने के लिए किसानों को कटोरा ही दे दें। किसानों का कहना है कि अधिकतर किसानों का जमाबंदी दादा, बाबा,या पिता के नाम से है। बंटवारा हुआ नहीं, हुआ भी तो वास्तविक किसानों के नाम से जमाबंदी बना नहीं। सरकार और सरकारी मुलाजिम के द्वारा वंशावली, एलपीसी, नया लगान रसीद अनिवार्य किए जाने से अधिकतर किसान डीजल अनुदान से वंचित रह जाएंगे। किसानों एवं बटाईदारों का कहना है कि सरकार एवं सरकारी मुलाजिम अनावश्यक नियमों में ढील दे, ताकि लोगों को डीजल अनुदान का लाभ मिल सके। लोगों का कहना है कि नया नियमों के कारण डीजल अनुदान के लिए आवेदन करना संभव नहीं है।
इस बाबत राजद नेता पूर्व पंचायत समिति सदस्य राम कुमार यादव,पूर्व मुखिया सह पैक्स अध्यक्ष राम देव यादव,मुखिया प्रतिनिधि राम चन्द्र यादव,अमर बहादुर कामत,बिनोद यादव,अजय कुमार साह, मनोज कामत ने कहा कि जिला पदाधिकारी मधुबनी एवं बिहार सरकार को शिकायति आवेदन भेज कर किसानों को सुखाड़ से निपटने हेतु सरकार द्वारा 75 रुपए प्रति लीटर अनुदान से संबंधित नियमों में बदलाव करने का आग्रह किया जायेगा, ताकि खेती पर आधारित जीवन जीने वाले लोगों को इसका लाभ मिल सके।
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