वर्षों बाद भी सरकारी जमीन सरकार के निर्देश के बावजूद नहीं हो सकी खाली, अधिकारी की उदासीनता है वजह
साभार : सुमित कुमार राउत
लदनियां
मधुबनी जिले के लदनियां प्रखंड में स्थानीय अंचल अधिकारी द्वारा वर्षों बाद भी भारत सरकार के अतिक्रमण मुक्त सम्बन्धी निर्देश अवहेलना जांच का विषय बन चुका है। अब तो जांच से ही असलियत सामने आयेगा, कि आखिर भारत सरकार के निर्देश के बाद भी सीओ ने नो माइंस लैंड या उसके आसपास सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त जैसे निर्देश को गम्भीरता से क्यों नहीं लिया?
सूत्रों के अनुसार पूर्व सीओ निशीथ नन्दन ने जनविहीन क्षेत्र यानी नो मैन्स लैंड एवं उसके आसपास अतिक्रमित गैरमजरुआ आम जमीन खाली करने का 57 व्यकियों नोटिस भेजा था। नोटिस मिलने के साथ ही लोगों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हुई।
सीओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पद्मा पंचायत के लगडी, महथा, मरनैया एवं पिपराही गांव में 57 से अधिक लोग नो मैन्स लैंड एवं उसके आसपास गैरमजरुआ जमीन अतिक्रमण कर स्थायी निर्माण कर वर्षों से रह रहे हैं।
पूर्व सीओ निशीथ नन्दन ने भारत सरकार के निर्देश को गम्भीरता से लेकर पद्मा पंचायत के लगडी गांव के 29, महथा पंचायत के प्रखंड मुख्यालय लदनियां के 23 एवं मरनैया गांव के 5 कुल 57 अतिक्रमणकारियों के नाम नोटिस भेजकर सम्बंधित जमीन के साक्ष्य के रुप में सभी कागजात अधोहस्ताक्षरी कार्यालय कागजात कार्यालय उपलब्ध कराने का सख्त निर्देश दिया गया था।
सीओ ने अतिक्रमणकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि निर्धारित समय तक अतिक्रमित भूमि का साक्ष्य के साथ अपना पक्ष नहीं प्रस्तुत करने पर अग्रिम कार्रवाई शुरु कर दी जायेगी।
पूरी सीओ ने लगडी गांव में आंशिक रूप में अतिक्रमण हटाया।
बिडम्बना है कि सीओ लदनियां द्वारा भारत सरकार के अतिक्रमण हटाने के प्रति गभीर नहीं है।
वर्तमान सीओ कुमार राजीव रंजन ने पूछने पर बताया कि लोकसभा चुनाव के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है।
अगर जिलाधिकारी मधुबनी जिला स्तर के किसी निष्पक्ष पदाधिकारी से मामले की जांच कराने पर सच्चाई सामने आ जायेगा।
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