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Monday, 29 July 2024

डॉ सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त करना लोकतंत्र की हत्या जैसा : राम आशीष पासवान

 विधान परिषद सदस्य डॉ सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त करना लोकतंत्र की हत्या करने जैसा कुकृत्य : प्रदेश राजद सचिव राम अशीष पासवान




साभार : सुमित कुमार राउत

लदनियां





बिहार प्रदेश राजद सचिव राम अशीष पासवान एवं पूर्व पंचायत समिति सदस्य सह राजद वरिष्ठ नेता राम कुमार यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल के विधान परिषद सदस्य डॉ सुनील सिंह का सदस्यता समाप्त करना लोकतंत्र की हत्या करने जैसा कुकृत्य है। नेता द्वय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अहंकार में डूबे हुए हैं। विधान परिषद के सभापति द्वारा बिना विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह के पक्ष परिषद में जाने व रखे बगैर सदस्यता को समाप्त कर देना कहीं से तर्कसंगत व न्यायोचित नहीं है, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं मीडिया एवं सदन के सामने बार बार कहा था कि सुनील सिंह को बर्बाद कर देंगे। नेता सदन के द्वारा इस तरह की भाषा पर आचार समिति ने संज्ञान लेते हुए कोई मामला दर्ज नहीं किया, जबकि लोकतंत्र में विपक्ष का काम होता है। सरकार के गलत कार्यों एवं निर्णय पर सरकार को आईना दिखाना। माननीय पार्षद ने लगातार सड़क से लेकर सदन तक जनता के मुद्दे, किसानों के के सवाल, वे रोजगारी, बिहार में बढ़ते भ्रष्टाचार, हत्या, चोरी , डकैती एवं सरकार के क्रियाकलापों पर चर्चा का हिस्सा बनते रहे हैं। उनके द्वारा उठाए गए विषय वस्तु पर सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया और विपक्ष के आवाज को दबाने के लिए और सरकार के कमजोरी को छुपाने के लिए एक व्यक्ति के जिद्द और उसे खुश रखने के लिए लोकतंत्र का गला घोंट कर सुनील सिंह का सदस्यता समाप्त किया गया है। बार-बार धमकी देने वाले मुख्यमंत्री के मामले में आचार समिति ने भी चुप्पी साध ली। मुख्यमंत्री एवं सभापति के कृत्य ने संविधान में निहित लोकतंत्र को झकझोर कर रख दिया है। राज्य ही नहीं देश-विदेश में भी बार बार मुख्यमंत्री के द्वारा अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल से लोग शर्मशार हुआ है। परंतु लोग खामोश है। मुख्यमंत्री और सहयोगी के द्वारा लालू-राबड़ी के संबंध में किए गए अपमानजनक भाषा पर भी आचार समिति मौन है। नेताओं ने कहा कि विधानसभा और विधान परिषद में मुख्यमंत्री ने बार बार और लगातार महिलाओं के संबंध में अश्लील और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल से लोग शर्मशार हुए हैं । यह कहना गलत नहीं होगा कि मुख्यमंत्री विपक्ष को डराकर अपने कमजोरी को छुपाने का कुकृत्य कर रहे हैं और लोगों का ध्यान मूल समस्या से भटकाने का प्रयास कर रहा है।

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