सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के जाति विशेष पर दिया गया बयान न केवल शर्मनाक है, बल्कि समाज में उन्माद पैदा करने वाला भी : राजद प्रदेश सचिव राम अशीष पासवान
साभार : सुमित कुमार राउत
लदनियां
मधुबनी : सीतामढ़ी से जदयू के नवनिर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के द्वारा जाति विशेष पर दिया गया बयान न केवल शर्मनाक है, बल्कि समाज में उन्माद पैदा करने वाला भी है। श्री ठाकुर ने चुनाव परिणाम के तुरंत बाद इस तरह का बयान देकर अपना असली चेहरा उजागर कर दिया है ; उक्त बातें पूर्व जिला परिषद सदस्य सह राजद प्रदेश सचिव राम अशीष पासवान एवं पूर्व पंचायत समिति सदस्य सह राजद के वरिष्ठ नेता राम कुमार यादव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रेस वार्ता में कहीं।
नेता द्वय ने कहा कि जदयू सांसद ने अपनी पार्टी का स्टैंड क्लियर कर दिया है। वे लोग जातीय और धार्मिक भावनाओं को आहत कर उन्माद पैदा करते हैं और जनता से वोट लेते हैं। जनहित के मुद्दों की जगह पार्टी के लिए रबर स्टाम्प की तरह काम करते हैं। लोगों का कहना है कि देश के सबसे बड़े लोकतंत्र में नेताओं का काम सदन में मेज थपथपाना नहीं होता है, बल्कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए जनता की आवाज बनना होता है।
विदित हो कि जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने सीतामढ़ी में एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक मंच से कहा कि मैं यादव, मुस्लिम और कुशवाहा का कोई काम नहीं करुंगा। इस बयान के बाद जदयू सांसद की चौतरफा निंदा हो रही है।
नेता द्वय का कहना है कि भारत लोकतांत्रिक देश है, इस देश में सभी जाति और धर्म के लोगों को अपनी समस्या एवं बात रखने का अधिकार है। सांसद को चुनाव में किसने वोट दिया और किसने नहीं दिया, इसका आकलन सार्वजनिक तौर पर बयान देकर करना असंवैधानिक है। चुनाव जीतने के बाद सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र के नेता हैं, जो अपने क्षेत्र के विकास के लिए जिम्मेदार हैं। इस जवाबदेही से मुंह मोड़ कर जाति विशेष को टारगेट करना गलत परम्परा को चिह्नित करता है, जो देश को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा बन सकता है।
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