जवानों ने आग पर काबू पाने के मॉक ड्रिल का किया रिहर्सल
साभार : सुमित कुमार राउत
जयनगर
किसी भी विषम परिस्थितियों में आग पर काबू पाने के लिए फायर अधिकारी सुभाष प्रसाद सिंह अग्निशमन दल जयनगर द्वारा मधुबनी जिले में अवस्थित 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल,जयनगर के प्रांगण में प्रशिक्षण एवं मॉक ड्रिल रिहर्सल का आयोजन विवेक ओझा कार्यवाहक कमांडेंट, 48वी वाहिनी के पर्यवेक्षण में करवाया गया।
फायर अधिकारी सुभाष प्रसाद सिंह द्वारा बताया कि आग क्या है, आग के प्रकार, आग के लगने के कारण और लगी हुई आग पर कैसे नियंत्रण किया जाये और सामान्य तौर पर घरों में गैस सिलेंडर एवं विद्युत शार्ट सर्किट आदि से संबंधित आग की प्रवृति और आग से बचाव के तरीकों के साथ-साथ आग लगने के स्थिति में हड़बड़ाना नहीं है, बल्कि विवेक से काम लेने के लिए 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के अधिकारियों एवं जवानो को जागरूक किया।
अग्निशमन अधिकारी ने मॉक ड्रिल रिहर्सल में बताया कि गैस सिलिडर में आग लग जाने पर मोटे कपड़ा को पानी में भिगोकर उक्त सिलिंडर को चारों तरफ से ढक कर आग को बुझाया जा सकता है। इसके अलावा यह भी जानकारी दी कि गैस सिलिंडर में लगी आग को समान साइज की बाल्टी का उपयोग कर किस तरह बुझाया जा सकता है। गैस सिलिडर में आग लग जाने पर आग को मेन स्विच ऑफ कर अथवा पाइप खोलकर-हटाकर उँगली का प्रयोग कर कैसे बुझाया जा सकता है, इसे करके दिखाया।
मौके पर तेल में लगी आग को अग्निशामक यंत्रों और फोम का प्रयोग किस तरह से बुझाया जा सकता है यह भी दिखाया गया। अग्निशमन दस्ता के सदस्यों ने कागज की ढेर में आग लगाकर कार्बन डाइआक्साइड गैस से बुझा कर दिखाया।
अग्निशामक दल के अधिकारी ने अपने वक्तव्य में बताया कि आग से निपटने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। जागरूकता फैलाकर हम आग से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। यह प्रदर्शन इसलिए किया गया, ताकि सशस्त्र सीमा बल,जयनगर के जवान आग लगने पर खुद का बचाव करने के साथ आग पर काबू पाने के लिए सक्षम हो सके। आग लगने के कई कारण हो सकते हैं और आग कभी-कभी इतनी विकराल हो जाती है कि लोग पूरी तरह बर्बाद हो जाते हैं। उनकी कमाई का सब कुछ जलकर राख हो जाता है। ऐसे प्रदर्शनों से जागरूकता फैलाकर आग पर काबू पाया जा सकता है। इस मॉक ड्रिल रिहर्सल के दौरान फायर सर्विस टीम की तरफ से चार कर्मचारी तथा सशस्त्र सीमा बल,जयनगर की तरफ से दो अधिकारियों, आठ अधीनस्थ अधिकारियों तथा चालीस जवानों ने भाग लिया।
No comments:
Post a Comment