नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ कर शत-प्रतिशत लक्ष्य को किया जायेगा हासिल
• जीरो डोज वाले बच्चों की संख्या को कम करने के लिए विशेष रणनीति के तहत करनी होगी कार्य
• 12 तरह के बीमारियों से बचाव के लिए दिया जाता है टीका
• नियमित टीकाकरण को शत प्रतिशत करने का रखा गया लक्ष्य
न्यूज़ डेस्क : मधुबनी 9मई '24
नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ़ करने तथा इसके लक्ष्य को शत प्रतिशत हासिल करने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में नियमित टीकाकरण को लेकर मॉडल अस्पताल में जिले के सभी प्रखंड के बीएमई, यूनिसेफ बीएमसी, तथा डब्लूएचओ के एफएम का एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. मौके पर सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसारिया के द्वारा सभी प्रखंड के कर्मियों को सभी टीका रोधी बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि कौन कौन सी ऐसी बीमारी है जिससे टीकाकरण से दूर किया जा सकता है इन बीमारियों का लक्षण क्या है इसे क्या नुकसान हो सकता है इसे कैसे बचा जा सकता है. उन्होंने उपस्थित सभी कर्मियों को लक्ष्य अनुरूप ड्यू लिस्ट बनाकर शत प्रतिशत टीकाकरण करने का निर्देश दिया. कार्यशाला के दौरान उन्होंने बताया कार्यक्रम अंतर्गत 12 प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जाता है। नियमित टीकाकरण के आच्छादन में गिरावट होने से जानलेवा बीमारियों के संक्रमण के बढ़ने की संभावना बनी रहती है। छूटे हुए बच्चों में वैक्सीन प्रीवेंटबल डिजिज के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
नियमित टीकाकरण के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य करने की जरूरत: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि जीरो डोज वाले बच्चे से तात्पर्य यह है कि वैसे बच्चें जो किसी कारणवश सत्र स्थल तक टीकाकारण कराने के लिए पहुंच नही पाते हैं। वह यही बच्चे होते हैं जो एक सप्ताह के उम्र में लगने वाले टीके जैसे- पेंटा 1 नहीं ले पाते हैं। ऐसे बच्चे आगे चलकर सभी टीकों से वंचित रह जाते हैं। इसी को शत प्रतिशत करने के लिए उन बच्चों का पहचान करना, उनके घर तक पहुंचना और उनको भी नियमित टीकाकरण से आच्छादित करना है। नियमित टीकाकरण के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों स्तर पर एएनएम, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित रूप से बैठक आयोजित कर इसे पूरा करना होगा।
जीरो डोज वाले बच्चों कि संख्या को कम करने के लिए विशेष रणनीति के तहत करनी होगी कार्य : डीआईओ
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एस.के विश्वकर्मा ने कहा कि नियमित टीकाकरण अभियान के तहत एक वर्ष तक का कोई भी बच्चा पेंटावेलेंट का पहला टीका नही लेने वाले को जीरो डोज कहा जाता है। हालांकि जीरो डोज वाले बच्चों कि संख्या को कम करने के लिए विशेष रूप से रणनीति बनाने और इसके लिए प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचने के साथ ही सभी बच्चों का शत प्रतिशत टीकाकरण किस प्रकार से किया जाए, इसको लेकर कार्यशाला के दौरान संबंधित कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया.
नियमित टीकाकरण को शत प्रतिशत करने का रखा गया लक्ष्य:
यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा ने कहा कि नियमित टीकाकरण के दौरान आने वाली विभिन्न प्रकार कि चुनौतियों और उसके समाधान के बारे में ग्रुप वर्क के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत रूप से चर्चा की गई। आगे उन्होंने कहा कि जिले में नियमित टीकाकरण के प्रतिशत को बढ़ाकर 95% से अधिक लाने का लक्ष्य रखा गया है।
मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर एस. के. विश्वकर्मा, ,यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा, यूएनडीपी के अनिल कुमार, सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे ।
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