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Friday, 31 May 2024

सदर अस्पताल में मनाया गया विश्व तम्बाकू निषेध दिवस

 सदर अस्पताल में मनाया गया विश्व तंबाकू निषेध दिवस


* स्वास्थ्य कर्मी, मरीज तथा मरीजों के परिजन को दिलाई गई शपथ

* सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों को किया जा चुका है तंबाकू मुक्त

* इधर-उधर थूकने पर जुर्माने का है प्रावधान

* तंबाकू उत्पादन के कचरे से पर्यावरण को हो रहा है भारी नुकसान





न्यूज़ डेस्क : मधुबनी

31:05:2024




विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर मॉडल अस्पताल में एएनएम कॉलेज की छात्राओं एवं  डॉक्टर के द्वारा अस्पताल परिसर में कार्यक्रम आयोजित कर मरीजों को तथा उनके परिजनों को तंबाकू के सेवन से होने वाले खतरनाक बीमारियों के बारे में जानकारी दी गई। आयोजित कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों ने यह शपथ लिया कि जीवन में हम कभी भी किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करेंगे एवं अपने परिजनों परिचितों को भी तंबाकू उत्पादों एवं किसी भी नशे का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित करेंगे।

इस मौके पर सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि नशा भले ही शान और लत के लिए किया जाता हो, पर यह जिंदगी की बेवक्त आने वाली शाम का भी मुख्य कारण है। लोग भले ही इसका मजा दिन भर के कुछ समय के लिए लेते हैं, लेकिन यह मजा कब लोगों लिए जिंदगी भर की सजा बन जाए, अंदाजा भी नहीं लगा सकते।


40% कैंसर सिर्फ तम्बाकू सेवन से :


सिविल सर्जन ने बताया जिले में संचालित एनसीडी क्लीनिक एवं होमी भाभा कैंसर संस्थान तम्बाकू निषेध के लिए कार्य कर रहा है। तम्बाकू के रोकथाम के लिए हम सब दो स्तरों पर काम कर रहे है पहला सरकारों और संस्थाओं के साथ मिलकर, दूसरा समाज मे जागरूकता अभियान चलाकर। उन्होंने कहा कि 40% कैंसर सिर्फ तम्बाकू के सेवन से होता है। बिहार में सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर होता है जिसमें 90% कैंसर तम्बाकू आदि के सेवन से होता है। तम्बाकू का सेवन करने वाला सिर्फ अपना नहीं आने वाली नस्लों को भी खराब कर देता है। अगर कोई गर्भवती महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती है इससे उनके होने वाले बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है जैसे जन्म के समय ही मृत्यु हो जाना, बच्चे का सही तरीके से विकास नहीं होना, कम वजन का बच्चा होना या कोई गम्भीर बीमारी से ग्रसित होना। तंबाकू का सेवन करने से आपके जीवन से 11 साल कम हो जाती है। तंबाकू सिर्फ हमारे स्वास्थ्य को ही नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है। इसीलिए तम्बाकू का सेवन सभी लोग अबिलम्ब छोड़े। बिहार में मुँह का कैंसर के सर्वाधिक मरीज है। कई लोग कहते है कि इसकी लत लग गयी है, जो नहीं छूट रही है उनके लिए यह है कि प्रयास जारी रखें तम्बाकू सेवन छोड़ना नामुमकिन नहीं है। भारत सरकार ने इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर-1800-11-2356 जारी किया है। इस नंबर पर फोन करने पर विशेषज्ञ के द्वारा जबतक तम्बाकू नहीं छूटता तबतक काउंसिल की जाती है।


सार्वजनिक स्थानों पर थूकना स्वास्थ्य के लिए खतरा :


एनसीडीओ डॉ. एस.एन. झा ने बताया कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना स्वास्थ्य के लिए खतरा है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू सेवन करने वाले की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी तथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। भा.द.वि. की धारा 268 एवं 269 के तहत कोई भी व्यक्ति यदि महामारी के अवसर पर उपेक्षापूर्ण अथवा विधि विरूद्ध कार्य करेगा, जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण हो सकता है, तो उसे छह माह का कारावास एवं अथवा 200 रुपये जुर्माना किया जा सकता है।


बच्चों एवं युवाओं पर अधिक दुष्प्रभाव :


तंबाकू का सबसे अधिक दुष्प्रभाव स्कूली बच्चों और युवाओं पर पड़ रहा है। बिहार में तंबाकू का प्रयोग करने वाले 25.9 प्रतिशत, धुआं रहित तंबाकू यानी पान मसाला, जर्दा, खैनी का प्रयोग करने वाले 23.5 प्रतिशत, बीड़ी पीने वाले 4.2 प्रतिशत और सिगरेट पीने वाले 0.9 प्रतिशत लोग हैं। तंबाकू सेवन के कारण कैंसर, ह्रदय रोग जैसी बीमारियों की समस्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि तंबाकू-सिगरेट व्यवसाय जैसे शक्तिशाली व्यावसायिक समूह से मुकाबला के लिए सामाजिक चेतना आवश्यक है।

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