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Saturday, 16 March 2024

ई.सी.रेलवे एम्प्लाइज यूनियन ने अपनी माँगों को लेकर होनेवाले जन-कन्वेंशन को लेकर चलाया जनसंपर्क अभियान

 ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लाईज यूनियन ने पुरानी पेंशन बहाली करने सहित 18 सूत्री मांगों को लेकर 18 मार्च को समस्तीपुर मे आयोजित जन-कन्वेंशन को लेकर जयनगर में रेलवे कर्मियों के बीच चलाया जनसंपर्क अभियान





साभार : सुमित कुमार राउत

जयनगर




फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के बैनर तले पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण के विरुद्ध जन कन्वेंशन को लेकर 18 मार्च को समस्तीपुर के अटेरन चौक पर होने वाले कर्मचारी सम्मेलन की सफलता को लेकर मधुबनी जिले के जयनगर रेलवे स्टेशन परिसर में सिग्नल एवं टेलीकॉम,क्रू लाबी, टिकट चेकिंग स्टाफ, ओपरेटिंग स्टाफ, कैरेज एंड वैगन विभाग में जागरूकता अभियान चलाया गया। इसकी अध्यक्षता नेशनल मूवमेंट टू सेव रेलवे के राष्ट्रीय प्रचार सचिव डाक्टर कमल उसरी ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण आज राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दा हो गया है। लेकिन केंद्र की मोदी शाह की अडानी-अंबानी-मोदानी की कार्पोरेट सरकार जन विरोधी कर्मचारी विरोधी व मजदूर विरोधी सरकार है, जो न केवल देश के राष्ट्रीय सार्वजनिक संपत्तियों को ओने पौने दामों में मोदानी जैसे कार्पोरेट घरानों के हाथों सौंप रही है। बल्कि मजदूर हितैषी 44 कानूनों को खत्म कर मजदूर विरोधी चार काले कानून लागू करने पर तुली हुई है, जिसमें फिर से 12 घंटे काम करने की कानूनी बाध्यता है। आज देश को फिर से दास यानी गुलामी के दौर में ले जाया जा रहा है। इसको कर्मचारियों, छात्रों, नौजवानों व किसान मजदूरों को गोलबंद कर के ही रोका जा सकता है। आज यूनियन के नाम पर तथाकथित मान्यता प्राप्त नेता सरकार के मंच से हड़ताल की घोषणा करते हैं। ऐसे सरकारी दलालों, बेईमान, मौकापरस्त, फिरकापरस्त नेताओं को सबक सिखाने की जरूरत है।

फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के संयुक्त सचिव सह ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाईज यूनियन के जोनल अध्यक्ष संतोष पासवान ने कहा कि पुरानी पेंशन कोई खैरात नहीं, बल्कि हमारे गाढ़ी खून पसीने के की कमाई है। जिसको ये केंद्र की कारपोरेट परस्त मोदी शाह सरकार छीनने पर तुली हुई है। यदि पुरानी पेंशन जन विरोधी है तो एक नेता पांच पांच पुरानी पेंशन क्यों ले रही है। जनता के लिए कुछ न करने वाली ये फिल्म कलाकार, क्रिकेटर, उद्योगपतियों को क्यों दिया जा रहा है। सबसे बड़ी बात कि पुरानी पेंशन बहाली पर रुपयों का टोटा का रोना वाली मोदानी सरकार उद्योगपतियों को अरबों खरबों का लोन और टैक्स क्यों माफ़ कर रहे हैं। ये सरकारी अर्थशास्त्री से अर्थव्यवस्था पर बहस करवा कर जनता में भ्रम फैलाने में लगी हुई है। इसको जनता, छात्रों नौजवानों किसानों और मजदूरों के सहयोग से ही पर्दाफाश किया जा सकता है और ऐसे कारपोरेट सरकार को आने वाले लोक सभा के चुनाव में उखाड़ फेंकना की जरूरत है।

इस मौके पर राकेश कुमार, आर्यन कुमार , भूषण सिंह,कमल किशोर, दीपक पासवान, कृष्ण कुमार, राजेश रंजन,राम प्रवेश ,उमेश कुमार, राहुल कुमार सहित अन्य रेल कर्मचारियों उपस्थित रहे।

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