नेपाल की सबसे बड़ी झूलन पुल, भारत और नेपाल दोनों देश के लिए बना आकर्षण का केंद्र
सुमित कुमार राउत
जयनगर
मधुबनी जिला के जयनगर से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित जनकनंदनी गॉव पालिका के कठाल गॉव में नेपाल के दो जिलों को जोड़ने वाली नेपाल की सबसे बड़ी झूलन पुल भारत और नेपाल देश के लिए यह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।जयनगर सीमा के तीन किलोमीटर की दूरी पर नेपाल के इनरवा गांव के आगे कमला नदी पर बना 1.6 किलोमीटर लंबा झूलन पुल लगभग चार फीट चौड़ा 1600 मीटर लंबा लोहे से बना हवा में हिलता-डुलता जमीन से लगभग 40 से 60 फीट ऊपर बना झूलन पुल, जो नेपाल के सिरहा जिला एव धनुषा जिला को जोड़ता है। नेपाल सहित सीमावर्ती भारतीय क्षेत्र के नागरिक इस झूलन पुल से कमला नदी पार कर सिरहा जिला जा सकते हैं।
वही निर्माण एजेंसी साइट अभियंता विनोद कुमार मंडल ने जानकारी देते हुए कहा कि यह नेपाल का सबसे लंबा एवं इकलौता झूलन है, जिसमें लगभग 37 करोड़ नेपाली रुपया से इसका निर्माण किया गया है। पैदल यात्री एवं साइकिल एवं मोटरसाइकिल वाहनों को को एक जिला से दूसरे जिला जाने में लगभग 30 से 40 किलोमीटर की दूरी एवं नदी के पानी पार करना सहित लगभग दो घंटे की समय बचत होगी। महलनिया,कटहाल, इनरवा सहित एक दर्जन ग्रामीण इलाको को सीधे सिरहा जिला से जोड़ने से इन ग्रामीण इलाकों का वृद्धि एवं विकास होगा एवं खासकर बरसात के दिनों में कमला नदी के बाढ़ के पानी से राहत होते हुए जरूरतमंद की सीधे सामान ग्रामीण इलाकों में पहुंचेगी। नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में कमला नदी पर इस पुल के निर्माण से लगभग दो जिला के लाखों लोगों की आबादी को फायदा होगा। इस झूला पुल पर चढ़ने के लिए दोनों छोर पर लगभग तीस फीट का सीढ़ीनुमा पुल बनाया गया है। इस पुल को आधुनिक तरीके जिसमें डेक को ऊर्ध्वाधर सस्पेंडर्स पर सस्पेंशन केबल के नीचे लटका दिया जाता है। सस्पेंशन ब्रिज या झूला पुल में 70 से 75 फीसदी केबल का काम होता है। इनमें हजारों छोटे-छोटे तार लगे होते हैं, जिन्हें जोड़कर बड़ी केबल बनाई जाती है। लॉन्ग स्पैन के लिए इस तरह पुलों का इस्तेमाल किया जाता है।
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