राजनगर महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक जे.एन.यू. में मातृभाषा संगोष्ठी में शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगी
साभार : सुमित कुमार राउत
राजनगर
मधुबनी जिले के राजनगर के वीएसजे महाविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. विभा कुमारी अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर 21 और 22 फरवरी को जेएनयू के भारतीय भाषा केंद्र में आइसीएसआर एवं मैथिली भोजपुरी अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा संगोष्ठी में अपना शोधपत्र प्रस्तुत करेंगी। डॉ. विभा कुमारी बताया कि बढ़ते ग्लोबल प्रभाव में भारत की मातृभाषाओं को ग्लोबल पहचान देना हमारा दायित्व है। इन भाषाओं का संरक्षण और संवर्धन भारतीय अस्मिता को विश्व स्तर पर सशक्त बनाएगा। डॉ. विभा की मातृभाषा मैथिली है और वह मैथिली और हिंदी की जानी-मानी कवियित्री- साहित्यकार भी हैं। दोनों भाषाओं में उनके तीन-तीन काव्य संग्रह, साहित्य अकादमी प्राप्त मैथिली कवि अजित आज़ाद की मैथिली कविताओं का विभा द्वारा हिंदी में अनूदित काव्य संग्रह के अतिरिक्त हिंदी में एक कहानी संग्रह और दो आलोचनात्मक पुस्तकें भी हैं। मैथिली सहित उन्हें सभी भारतीय भाषाओं से अगाध प्रेम है। वह देवनागरी के अतिरिक्त मिथिलाक्षर, बांग्लाक्षर और गुरमुखी भी लिख-पढ़ सकती हैं। इस संगोष्ठी में वह ब्रजभाषा पर केंद्रित शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगी, जिसका विषय है- “मातृभाषा के रूप में ब्रजभाषा की पहचान और ब्रजभाषा साहित्य का समकालीन संदर्भ"। शोध-पत्र के अतिरिक्त वह बहुभाषी कवि सम्मेलन में अपनी कविता का पाठ भी करेंगी। अपने छात्र जीवन में इन्होंने सहपाठियों के सहयोग एवं सौजन्य से मलयालम, मणिपुरी, राजस्थानी, बंगला, मराठी, पंजाबी आदि भाषाओं के गीत के मुखड़े जोड़कर एक गीतमाला तैयार कर उसकी सामूहिक प्रस्तुति दी थी। विजयवाड़ा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पोएटिक प्रिज़्म में भी इसकी प्रस्तुति दे चुकी हैं। संयोजक की अनुमति से इस संगोष्ठी में भी इसे प्रस्तुत करने की इच्छुक हैं। डॉ. विभा कुमारी बोली कि जे.एन.यू. के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजेश पासवान को इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा संगोष्ठी के संयोजन के लिए एवं शोध-पत्र प्रस्तुति का अवसर देने के लिए विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहती हूँ।
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