राष्ट्रीय एकता, धर्मनिरपेक्षता, सांप्रदायिक सद्भाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे अब्दुल कयूम अंसारी
धीरज गुप्ता (गया)
गया : महान स्वतंत्रता सेनानी राष्ट्रीय एकता साम्प्रदायिक सद्भाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने वाले अब्दुल कयूम अंसारी की 50 वीं पुण्यतिथि स्थानीय चौक स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण में मनाई गई ।इस अवसर पर उपस्थित बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, दामोदर गोस्वामी, विनोद उपाध्याय, वाल्मीकि प्रसाद, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, उदय शंकर पालित, विशाल कुमार, मोहम्मद समद, राहुलचंद्रवंशी, रूपेश चौधरी, अशोक राम आदि ने कहा कि अब्दुल कयूम अंसारी मुस्लिम लीग की भारत से अलग मुस्लिम राष्ट्र के निर्माण की मांग का विरोध करने के लिए जाने जाते थे।नेताओं ने कहा कि अक्टूबर 1947 में कश्मीर पर पाकिस्तान के आक्रमण के दौरान वह इसकी निंदा करने वाले भारत के पहले मुस्लिम नेता के रूप में आगे आए और भारत के सच्चे नागरिक के रूप में इस तरह के आक्रमणों का मुकाबला करने के लिए मुस्लिम जनता को जागृत करने के लिए कड़ी मेहनत की थी। नेताओं ने कहा कि गरीबो और वंचितों के समर्थक, अब्दुल कयूम अंसारी ने शिक्षा और साक्षरता के प्रसार के लिए काम किया और उनकी पहल पर ही 1953 में भारत सरकार द्वारा पहला अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग आयोग नियुक्त किया गया था।अब्दुल कयूम अंसारी एक कुशल पत्रकार, लेखक और कवि भी थे । वे स्वतंत्रता पूर्व के दिनों में उर्दू साप्ताहिक ' अल - इस्लाह ' और उर्दू मासिक " मूसा वत " के सम्पादक थे।
नेताओं ने कहा कि आज जरूरत है ऐसे महामानव के पदचिह्नों को नमन कर उनके बताये रास्ते पर चलने का है।
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