जिले के 581 एएनएम का दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू, 9 मार्च तक चलेगा
- प्रशिक्षण टीकाकरण को लेकर दी गई आवश्यक जानकारी
टीकाकरण में गति लाने के लिए कर्मियों का क्षमता वर्धन जरूरी : डीआईओ
न्यूज डेस्क : मधुबनी
बच्चों को विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण अभियान चलाए जाते हैं, जिसमें कई प्रकार के टीके लगाकर बच्चों को प्रतिरक्षित किया जाता है। नियमित टीकाकरण को बेहतर करते हुए शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त किया जाए इस पर सरकार लगातार बल दे रही है। इसके लिए नियमित टीकाकरण से जुड़ी स्वास्थ्य कर्मियों का लगातार क्षमता वर्धन भी किया जा रहा है। सरकार की दिशा निर्देश के आलोक में जिले में भी नियमित टीकाकरण से जुड़ी लगभग 581 एएनएम को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करके उनका क्षमता वर्धन किया जा रहा है। प्रशिक्षण ग्रुप बनाकर, 17 बैच में दो दिवसीय प्रशिक्षण 9 मार्च तक संचालित रहेगा, ताकि टीकाकरण के दौरान किसी प्रकार की त्रुटि न रहे और टीकाकरण में भी रफ्तार लाया जाए। प्रशिक्षण पारामेडिकल संस्थान राघोपुर बलाट राजनगर में जिले की सभी एएनएम/जीएनएम का तकनीकी क्षमता का विकास किया जा रहा है। जिले के विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत सभी एएनएम/जीएनएम का बैच बना कर क्षमता वर्धन किया जा रहा है।
बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एस.के. विश्वकर्मा ने बताया शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए मां के गर्भ से लेकर 16 वर्ष तक के बच्चों पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। बच्चों को खसरा, टिटनेस, डिप्थीरिया, पोलियो, क्षय रोग, काली खांसी, जेई, हेपेटाइटिस बी जैसी गंभीर एवं जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए बच्चों एक दर्जन से अधिक टीके लगा कर उन्हे प्रतिरक्षित किया जाता है।
क्षमता वर्धन जरूरी :
सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसारिया ने बताया ने बताया कि बच्चों को पूर्ण टीकाकरण उन्हें स्वस्थ और नई जिंदगी प्रदान करता है, इसलिए बच्चों को नियमित टीकाकरण करवाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नियमित टीकाकरण को बेहतर बनाने के साथ-साथ टीकाकरण में गति लाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहे हैं और इसी को लेकर टीकाकरण से संबंधित सभी स्वास्थ्य कर्मियों का क्षमता वर्धन किया जा रहा है। समय-समय पर क्षमता वर्धन करके टीकाकरण अभियान में गति लाई जाती है। साथ ही विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश को भी स्वास्थ्य कर्मियों के समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं, ताकि टीकाकरण के दौरान होने वाली गलतियां एवं कमियों को दूर किया जा सके। डॉक्टर विश्वकर्मा ने कहा की नियमित टीकाकरण की शुरुआत मां के गर्भ से ही शुरू हो जाती है और 16 वर्ष तक समय समय आर विभिन्न रोगों के टीके दिए जाते है। उन्होंने लोगों से अपील किया की जिनके बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित हुए हो या अभी तक नही लगाया है, वे लोग अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जा कर अपने बच्चे का टीकाकरण जरूर करवा ले।
इस मौके पर एसीएमओ डॉक्टर आर.के. सिंह, यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा, यूएनडीपी के वीसीसीएम अनिल कुमार, हामिद अंसारी सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे ।
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