छठ पूजा को लेकर जरूरतमंद लोगों को माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन के द्वारा बांटी गई साड़ी व छठ पूजा सामग्री
जयनगर
मधुबनी जिले के जयनगर में माँ अन्नपूर्णा सेवा समिति के तत्वाधान में माँ अन्नपूर्णा महिला मंच एवं माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन एवं माँ अन्नपूर्णा रक्तरक्षक के द्वारा जयनगर शहर के पटना गद्दी रोड इस्तिथ राउत निवास के सामने माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन परिसर में आज चार दिनों तक चलने वाला बिहार का महान लोक आस्था का महापर्व छठ के पावन अवसर पर छठ पर्व करने वाली गरीब जरूरतमंद 108 महिलाओं एवं लोगों के बीच साड़ी व छठ पूजन सामग्री वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस मौके पर संस्था की ओर से 108 गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को साड़ी के अलावा नारियल, सुपली, कोनिया, चावल, मैदा, चीनी, गुड़, अगरबत्ती, सलाई व प्रसाद सामग्री का वितरण किया गया।
छठ पर्व के मौके पर पहले दिन अस्तांचल सूर्य व दूसरे दिन उगते हुए सूर्य को नई साड़ी पहनकर अर्घ्य देने की परंपरा है, लेकिन गरीब परिवार के लोग इन सामानों की खरीदारी के लिए परेशान रहते हैं। इस बाबत संस्था के मुख्य संयोजक अमित कुमार राउत ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से वह छठ पूजा को लेकर गरीब एवं जरुरतमंद लोगों के बीच में साड़ी व अन्य पूजा सामग्री का वितरण करते आ रहे हैं, ये हमारा चौथा वर्ष है वितरण का।
इस मौके पर माँ अन्नपूर्णा महिला मंच की अध्यक्षा कामिनी साह एवं अन्य सदस्याओं ने सामूहिक रूप से कहा कि लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी और पवित्रता है। भक्ति और आध्यात्म से परिपूर्ण इस पर्व में बांस निर्मित सूप, टोकरी, मिट्टी के बर्त्तनों, गन्ने का रस, गुड़, चावल और गेंहूं से निर्मित प्रसाद और कर्णप्रिय मधुर लोकगीतों से युक्त होकर लोक जीवन की भरपूर मिठास बांटने वाला व्रत है। उन्होंने कहा शास्त्रों से अलग यह जन सामान्य द्वारा अपने रीति-रिवाजों के रंगों में गढ़ी गयी उपासना पद्धति है।
इसलिए हमारी संस्था लगातार तीन सालों से छठ पूजा सामग्री वितरण करते आ रहीं है।
वहीं, संस्था के मुख्य संयोजक अमित कुमार राउत ने बताया कि गरीब, निर्धन, अहसहाय, जरूरतमंद लोगों को चार दिनों तक चलने वाला बिहार के लोक आस्था का महापर्व छठ में किसी को परेशानी न हो, इसके लिए बस हम सभी दाताओं के सहयोग से इस कार्यक्रम को कर पा रहे हैँ। हम सभी दाता बन्धुओं का आभार व्यक्त करते हैं कि उनका सहयोग हमें मिल पा रहा है। आपको बता दें कि सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। कहा जाता है यह पर्व बिहारीयों का सबसे बड़ा पर्व है, ये उनकी संस्कृति है। छठ पर्व बिहार मे बड़े धुम धाम से मनाया जाता है। ये एक मात्र ही बिहार या पूरे भारत का ऐसा पर्व है, जो वैदिक काल से चला आ रहा है और ये बिहार कि संस्कृति बन चुका हैं। यहा पर्व बिहार कि वैदिक आर्य संस्कृति कि एक छोटी सी झलक दिखाता हैं। ये पर्व मुख्यः रुप से ॠषियो द्वारा लिखी गई ऋग्वेद मे सूर्य पूजन, उषा पूजन और आर्य परंपरा के अनुसार बिहार मे यहा पर्व मनाया जाता हैं।
बिहार मे हिन्दुओं द्वारा मनाये जाने वाले इस पर्व को इस्लाम सहित अन्य धर्मावलम्बी भी मनाते देखे जाते हैं। धीरे-धीरे यह त्योहार प्रवासी भारतीयों के साथ-साथ विश्वभर में प्रचलित हो गया है। छठ पूजा सूर्य, उषा, प्रकृति,जल, वायु और उनकी बहन छठी मइया को समर्पित है, ताकि उन्हें पृथ्वी पर जीवन की देवतायों को बहाल करने के लिए धन्यवाद और कुछ शुभकामनाएं देने का अनुरोध किया जाए। छठ में कोई मूर्तिपूजा शामिल नहीं है।
पर्यावरणविदों का दावा है कि छठ सबसे पर्यावरण-अनुकूल हिंदू त्यौहार है। यह त्यौहार नेपाली और भारतीय लोगों द्वारा अपने मुख्य रूप से मनाया जाता है।
बता दें कि इसी संस्था के एक विंग माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन पिछले 1220 दिनों से अनवरत गरीबों को रोज ही जयनगर रेलवे स्टेशन परिसर एवं पुराना नगर पंचायत परिसर में लंगर लगा कर भरपेट खाना खिला रही है। इसका लाभ जरूरतमंद, गरीब, विकलांग, अहसहाय लोगों को संस्था खाना खिला कर देती आ रही है।
मौके पर जानकारी देते हुए संस्था के संस्थापक सह संरक्षक मण्डल ने संयुक्त रूप से बताया कि हमारी संस्था हमेशा ही जरुरतमंद लोगों की मदद के लिए हर समय तत्पर रहती है। उन्होंने कहा कि हमारी यह संस्था गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को समय-समय पर शिविर लगाकर सहयोग करती है। ठंड के समय करीब 1000कंबल एवं शाल एवं अन्य अनगिनत गर्म कपड़े भी जरूरतमंद लोगों को चिन्हित करके पिछले वर्ष भी हमारे संस्था के द्वारा दिया गया था।
संस्था के हर वर्ष पूरा हमलोगों ने निःशुल्क मेडिकल कैम्प लगवाया है, जिसमें सैकड़ो लोगों को निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श के साथ निःशुल्क जांच एवं दवा तक निःशुल्क दिया जाता है।
इस मौके पर नगर पंचायत जयनगर के मुख्य पार्षद कैलाश पासवान, स्थानीय जिला पार्षद अंजलि कुमारी, संस्था के संरक्षक डॉ. सुनील कुमार राउत, प्रवीर महासेठ, उपेन्द्र नायक, संजय महतो, राकेश मांझी, गणेश काँस्यकार, माँ अन्नपूर्णा महिला मंच की कामिनी साह, मुन्नी देवी, सरिता काँस्यकार, रानी कुमारी एवं माँ अन्नपूर्णा रक्तरक्षक के रोहन रंजन सिंह, सुमित कुमार साथ ही एक्टिव सदस्यों में अविनाश पंजीयार, बिट्टू यादव, प्रथम कुमार, नवीन कुमार, संतोष शर्मा, पप्पू पुर्वे, मनीष गुप्ता, अजय सिंह, रामजी गुप्ता, एवं अन्य कई मौजूद रहे। साथ ही अन्य अतिथियों में बब्लू गुप्ता(पूर्व फ़ौजी) एवं अन्य कई लोग मौजूद रहे।
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