कविकोकिल विद्यापति कालजयी महाकवि : प्रो.कमलानंद झा
द्विदिवसीय विद्यापति कला उत्सव का शानदार आगाज़
रिपोर्ट : उदय कुमार झा
09:11:2023
मधुबनी : गुरुवार को मिथिला चित्रकला संस्थान, सौराठ के सभागार में दो दिवसीय विद्यापति कला उत्सव-2023 का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ । पद्मश्री बौआ देवी, दुलारी देवी, विभा दास, कला संस्कृति विभाग के निदेशक वीरेंद्र प्रसाद, डॉ. इंदिरा झा, डॉ.रंगनाथ दिवाकर, प्रो.कमलानंद झा एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित किया । कार्यक्रम में स्वागत भाषण निदेशक वीरेंद्र प्रसाद ने दिया । संस्थान की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया । एक छात्रा ने 'जय जय भैरवि' गीत पर नृत्य प्रस्तुत की ।
विद्यापति पर बोलते हुए डॉ. इंदिरा झा ने महाकवि की कालजयी संस्कृत रचनाओं पर विस्तार से प्रकाश दी । उन्होंने शैवसर्वस्वसार, दान वाक्यावली, गयापत्तलक, कीर्त्तिपताका, कीर्त्तिलता आदि रचनाओं का जिक्र किया ।
डॉ. रंगनाथ दिवाकर ने अपने संबोधन में महाकवि विद्यापति के अक्षय यश के आधारस्तम्भ के रूप में उनकी पदावली का वर्णन किया । मुख्य भाषण करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर कमलानंद झा ने कविकोविल के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि विद्यापति को लोग दरबारी कवि कहते हैं, किन्तु उनकी पदावली में आम लोगों का दर्द छुपा है, तत्कालीन समाज की विसंगतियों का वर्णन उनकी पदावली में बखूबी दिखता है । भक्तिकाल के कवि जिस मार्ग पर चले, उस मार्ग को पहले ही विद्यापति ने अपनी रचनाओं से प्रशस्त कर दिया था । महाकवि विद्यापति कालजयी कवि हैं, जिनकी रचनाएँ अमर हैं । विद्यापति की नायिका "मैरिटल रेप" के साथ ही प्रेम में साहस का भी संदेश देती है ।
कार्यक्रम में ज्योति रमण झा, सुभाष चंद्र झा 'सिनेही', डॉ. रजनीबाला, श्रीमती छाया मिश्र, श्रीमती कल्पना सिंह, प्रतीक प्रभाकर, डॉ. अभिषेक कुमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे ।
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