चंदन ने मणिपुर एवं रूस-यूक्रेन में मारे गए लोगों का किया सामूहिक पिंडदान और तर्पण
गया से धीरज गुप्ता की रिपोर्ट
07:10:2023
गया : विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला में मातृ नवमी के अवसर पर शनिवार को चर्चित पिंडदानी, पत्रकार और समाजसेवी रहे स्व सुरेश नारायण की मौत पर 30 जनवरी 2014 के बाद उनका बेटा चंदन कुमार सिंह ने सामूहिक रूप से पिंडदान किया। उन्होंने कहा कि उसके पिता सुरेश नारायण ने कहा था कि उनकी मौत के बाद वह अनजान लोगों के लिए पिंडदान करें। इसलिए उनकी मौत के बाद आज वह आकर अपने पिता की अभिलाषा को पूरा किया। वे 9 वर्षों से ज्ञात लोगों का सामूहिक रूप से पिंडदान और तर्पण करते आ रहे हैं। चंदन ने कहा कि पिंडदान करने से मन को शांति और सुख की अनुभूति मिली। चंदन ने मणिपुर में जातीय हिंसा में जान गँवाए सैकड़ों लोगों, उड़ीसा में ट्रिपल ट्रेन हादसे में मारे गए 275 लोगों, लद्दाख में सेना की गाड़ी खाई में गिरने के दौरान जवानों की मौत, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में सैनिकों की मौत, भारी बारिश में सैनिकों की मौत,तुर्की की भूकंप में 28000 की मौत, नाइजीरिया से सटे विंग के फील्ड डिपो में लगी आग से दो बच्चों की दर्दनाक मौत, रूस और यूक्रेन के युद्ध में अब तक मारे गए हजारों सैनिकों के आत्मिक शांति के लिए तर्पण किया। वहीं, रोहतास में सीआरपीएफ जवानों की मौत, कश्मीर के अनंतनाग में आतंकी हमले में शहीद जवानों,मुंगेर के सीआरपीएफ जवान की मौत,बक्सर में सीआरपीएफ जवान की मौत, कश्मीर में हुए आतंकी हमले मारे गए बिहारी मजदूर, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ जवान की मौत, आकाशीय बिजली गिरने से प्रदेश में लोगों की मौत, पाकिस्तान में आए विनाशकारी बाढ़ में मारे गए लोग, कानपुर में सड़क दुर्घटना में मृत परिवार, लद्दाख के नदी में बस दुर्घटना में मौत, अमर सिंह के जवान की मौत सहित देश दुनिया में जाने अनजाने में मृत्यु, आतंकी हमले, दुर्घटना, अपराधिक गतिविधियों महामारी के दौरान हुई मौत एवं जाने- अनजाने में काल-कलवित लोगों की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना किया और पवित्र फल्गु नदी में तर्पण किया। वार्षिक पिंडदान का कार्यक्रम रामानुजाचार्य मठ के जगद्गुरु स्वामी वेंकटेश प्रपन्नाचार्य के निर्देशन में संपन्न हुआ। पिंडदान के बाद चंदन कुमार सिंह ने बताया कि पिंडदान ही मोक्ष प्राप्ति का सरल और सहज मार्ग है । गया में भगवान विष्णु पितृ देवता के रूप में निवास करते हैं । यहां पिंडदान करने से ज्ञात-अज्ञात लोगों को मुक्ति मिल जाती है।हमारे पिता आज के दिन 2001 से प्रतिवर्ष सामूहिक पिंडदान करते आ रहे थे। इस परंपरा को ताज बनाए रखने के लिए प्रतिवर्ष सामूहिक पिंडदान कर रहा हूं।
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