भेलवा टोल एवं अकौन्हा गांव के 50 महादलित भूमिहीन पर्चाधारी परिवारों को पर्चा वाली भूमि पर कब्जा दिलाने एवं जानमाल की सुरक्षा की गारंटी करने सहित छः सूत्री मांगों को लेकर पर्चाधारियों ने दिया धरना
भू हदबंदी के तहत 1990 से 2005 तक 276 भूमिहीन परिवारों को भूमि की पर्चा दिया गया था, लेकिन कुछ लोगों छोड़ कर सैकड़ों लोग दखल कब्जा के लिए दर दर भटकने पर मजबूर है पर्चाधारी परिवार
जयनगर सहित मधुबनी जिला मे 35 हजार से उपर है अवैध जमाबंदी
प्रशासन के सहयोग भूमि चोर और भू-माफिया का हौसला है बुलन्द, पर्चा वाली भूमि पर लाल झंडा गाड़कर भूमिहीनों को कब्जा दिलाने किए आह्वान
साभार : सुमित कुमार राउत
मधुबनी जिले के जयनगर प्रखंड के बेल्ही दक्षिणी के भेलवा टोल एवं देवधा दक्षिणी के अकौन्हा गांव के 50 महादलित भूमिहीन पर्चाधारी परिवारों को पर्चा वाली भूमि पर कब्जा दिलाने और अवैध निर्माण पर रोक लगाने और आंदोलनकारी पर्चाधारी परिवारों को जानमाल की सुरक्षा की गारंटी करने सहित 6 सूत्री मांगों को लेकर पर्चाधारियों ने पर्चा वाली भूमि के सामने भेलवा टोल में किया धरना जिसमें सैकड़ों की संख्या में महादलित पर्चाधारियों ने पूरे परिवारों के साथ धरना में शामिल हुए।
धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए प्रखंड सचिव भूषण सिंह ने कहा कि जयनगर प्रखंड के अंतर्गत बेल्ही दक्षिणी पंचायत के भेलवा टोल एवं देवधा दक्षिण पंचायत के अकौन्हा गाँव के 50 भूमिहीन महादलित परिवारों को देवधा- उसराही मौजा में खाता संख्या-666 खेसरा संख्या -7794 में प्रत्येक परिवारों को 29 एवं 29 डिसमिल कृषि योग्य भूमि की भू-हदबंदी योजना के तहत अंचल के अभिलेख संख्या- 1 / 2004 -2005 के तहत पर्चा दिया गया था। लेकिन वर्षो बाद भी उक्त पर्चा वाली भूमि पर दखल कब्जा दिलाने में नाकाम रहा है प्रशासन तो दूसरी ओर पर्चाधारियों के द्वारा दखल कब्जा की मांग को लेकर आन्दोलन तेज करने पर अवैध भूस्वामियों के द्वारा उक्त भूमि पर अवैध निर्माण किया जा रहा है और खरीद- बिक्री भी करने की शिकायतें मिली हैं। उक्त प्रतिबंधित भूमि में अवैध भूस्वामियों के द्वारा विभिन्न प्रकार के फसल भी उगाते हैं, लेकिन उक्त पर्चा वाली भूमि पर पर्चाधारी परिवारों को जाने पर रोक लगाया गया है। इस दलित विरोधी नीतियों की हमारी पार्टी भाकपा- माले तीव्र निंदा करती है । उन्होंने कहा कि भू हदबंदी योजना के तहत जयनगर अंचल के विभिन्न ग्राम पंचायतों के गरीब भूमिहीन दलित परिवारों को वर्ष 1990 से 2005 तक सूचना अधिकार अधिनियम के तहत तत्कालीन अंचलाधिकारी जयनगर के द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार वर्ष 1979-080 कमलाबाड़ी 5 परिवार वर्ष 1990-091 बैरा 15 परिवार वर्ष 1992-093 बेला भेलवा टोल 53 परिवार वर्ष 1993-094 इनर्वा 56 परिवार वर्ष 1994-095 उसराही इनर्वा 8 परिवार वर्ष 1995-96 इनर्वा 17 परिवार एवं अकौन्हा 30 परिवार वर्ष 2003-04 कोरहिया 11 परिवार वर्ष 2004-05 भेलवा टोला व अकौनहा 50 परिवार एवं कुआढ 15 परीवार को कुल 276 परिवारों को भूमि की पर्चा दिया गया था ।
लेकिन कुछ भूमि को छोड़कर करीब 200 सौ से उपर परिवारों को भूमि पर दखल कब्जा दिलाने में विफल रहा जयनगर के प्रशासन, जबकि उक्त पर्चा वाली भूमि को भूमि चोर एवं भू- माफिया गठजोड़ से तत्कालीन अंचलाधिकारी और अवर निबंधन पदाधिकारी के सहयोग से कागजी दांवपेंच के तहत कई एकड़ पर्चा वाली भूमि की खरीद-बिक्री किया गया है और अंचलाधिकारी द्वारा केवाला का दाखिल ख़ारिज किया जा चुका है। बिहार सरकार के भूमिसुधार और राजस्व विभाग ने बिहार के 8 लाख एकड़ सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा एवं उससे संबंधित 10 लाख जमाबंदी फर्जी पाया गया है, जिसमें जयनगर सहित मधुबनी जिला में सरकारी भूमि की 35 हजार 187 अवैध जमाबंदी शामिल हैं । जयनगर में सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन पर सामंतों, भूमाफियों और दबंगों ने अवैध कब्जा जमा किया हुआ है। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी से
पर्चा वाली भूमि पर दखल कब्जा अविलम्ब दिलाने, और भूमि की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने, पर्चा वाली भूमि पर अवैध भूस्वामियों के द्वारा हो रहे अवैध निर्माण पर रोक लगाने, पर्चा वाली भूमि पर अवैध भूस्वामियों को जाने और फसल उगाने पर रोक लगाने, पर्चा वाली भूमि की मापी करावें और पर्चा से अधिक भूमि को भूमिहीनों के विच वितरण करने, सभी महादलित पर्चाधारी आन्दोलनकारी परिवारों को जानमाल की सुरक्षा की गारंटी करने,भूमि चोर और भू-माफियों को गिरफ्तार करें और अवैध भूमि को जब्त कर भूमिहीनों के बीच वितरण करने की मांग किया गया और उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन गरीबों को पर्चा वाली भूमि पर कब्जा नहीं दिलाते हैं तो भाकपा-माले के नेतृत्व में भूमिहीनों और पर्चाधारियों को गोलबंद कर उक्त भूमि पर लाल झंडा गाड़कर गरीब बसाओ आंदोलन तेज करने का आह्वान किया। मांग पत्र अनुमंडल पदाधिकारी जयनगर के नाम धरना स्थल पर प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी तकनीकी सहायक शिवराजन कुमार को समर्पित किया गया।
इस आयोजित सभा को मुस्तफा, भाकपा के पूर्व अंचल मंत्री नरेश ठाकुर, रशीद अंसारी, कासीन्दर यादव, शिवो देवी, महेंद्री देवी, महेश्वर पासवान, हसलेन नजाम, पहाड़ी सदाय, रामदेव राम, सीताराम राम, जागेश्वर राम, किसुन महरा, अबुल राईन, ईसा राईन, विन्दे सदाय, बेचन राम, रानी देवी, दाना देवी, विनोद राम, जंगली सदाय, प्रभू सदाय सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया।
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