राजद जिला प्रवक्ता इंद्रजीत राय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि संसद में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के द्वारा बीएसपी सांसद दानिश अली को भड़वे,कटवे,दल्ले उग्रवादी ,मुल्ला, आतंकवादी कहना संघ और भाजपा के अहंकार और बदतमीज़ी की पराकाष्ठा है। क्या भाजपा का यही लोकतंत्र है? क्या भाजपाइयों की यही सनातनी भाषा है। क्या भाजपाइयों का यही सबका साथ - सबका विकास है। रमेश विधूड़ी ने जो कहा है,
यह आरएसएस और उनके लोग अपनी आंतरिक बैठकों में बराबर कहते रहे हैं। अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुस्लिम समाज के खिलाफ उनकी सोच, उन्हीं शब्दों के इर्द गिर्द बनी हुई है उन्होंने वही कहा है जो उन्होंने अपने मातृ संगठन आरएसएस से सीखा है और उनके मातृ संगठन के लोग यह शब्द अक्सर प्रयोग में लाते रहे हैं और वे आगे भी लाते रहेंगे। सबसे जरूरी है, इन्हें सत्ता से बाहर करना और राजनीतिक रूप से कमज़ोर कर के संविधान की मूल भावना को बनाए रखना जरूरी हो गया है। केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस यह अच्छी तरह से जानते हैं कि दस साल तक मोदी सरकार ने रोजी रोटी शिक्षा स्वास्थ्य के मुद्दों पर सिवाय प्रचार और वंदन, अभिनंदन जैसे ड्रामे करने के आलावे कुछ किया ही नहीं है, तो उनके पास विधूड़ी मॉडल की बातें करने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। यहां भी मकसद, न तो सनातन बचाना है और न ही धर्म। बस भाजपा को सत्ता बचानी है और सत्ता भी सिर्फ इसलिए ताकि गिरोहबंद पूजीवाद यानी क्रोनी कैपिटलिज्म फलता फूलता रहे। बिधूड़ी के इस बयान पर उत्तेजित होने के बजाय बयान का उद्देश्य और टाइमिंग समझें। महिला आरक्षण विधेयक पर, ओबीसी और एससी एसटी नाराज हैं। वे पहले से ही कोटा के अंदर कोटा की मांग को लेकर विरोध कर रहे थे। अब जातीय जनगणना एक बड़ा मुद्दा बन गया है। धर्म के रूप में ओबीसी का उपयोग करने वाले आरएसएस और उसका संगठन, ओबीसी की इस मांग पर तब भी चुप थे और अब तो वे असहज महसूस कर रहे है। ऐसे में रमेश विधूड़ी ने यह एक नया भाजपा और संघ का चिर परिचित दांव चला है ताकि बहस, हिंदू बनाम मुसलमान में उलझ कर रह जाय। केंद्र की मोदी सरकार में शर्म हो तो तत्काल इसके सदस्यता को रद्द करें, बिधूड़ी जैसे दंगाई भाषा बोलने वाले को आजीवन चुनाव लडने पर प्रतिबंध लगाया जाए। इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जेल भेजने के साथ मोदी सरकार देश के मुसलमानों से माफी मांगे।
No comments:
Post a Comment