मधेश प्रदेश, जनकपुरधाम:
रिपोर्ट : रणधीर चौधरी
समरस नेपाल नामक संस्था ने श्रावण मास की पवित्र सोमवार का दिन अर्थात २०८० श्रावण २२ गत्ते के दिन
धनुषा और महोत्तरी के १२ देवालयों से एक साथ संस्कृति रक्षा का उद्घोष किया है ।
महोत्तरी के पवित्र देवस्थलों में पाटु कपिलेश्वर महादेव, टूटेश्वरनाथ महादेव, मगरथाना मंगलनाथ महादेव, पंचधूरा माई स्थान, जलेश्वरनाथ महादेव और पवित्र स्थल मटिहानी के साथ साथ धनुषा के जनकपुर,प्राणेश्वरनाथ ईटहर्वा, औरही, सतोषर महादेव, धनुषाधाम और क्षिरेश्वरनाथ महादेव महेंद्रनगर सहित कुल १२ स्थानों से एक साथ संस्कृति रक्षा उद्घोष कार्यक्रम संचालित किया है ।
इस क्षेत्र में दिन प्रति दिन बढ़ रहे धर्मान्तरण को ध्यान में रखते हुए एक हीं साथ इस कार्यक्रम को आह्वान किए जाने की बात संस्था के संयोजक चन्दन दुबे ने बताया है ।
साथ ही श्री दुबे ने सनातन धर्म की मूल्य मान्यताओं,ग्रन्थों और साहित्यों की गलत व्याख्या और भौगोलिक विभाजन के प्रयास के खिलाफ भी इस उद्घोष की आवश्यकता होने की बात कहीं है । सस्ती लोकप्रियता के लिए नेपाल में सीता की जन्मभूमि और अयोध्या खोजनेवालों के कारण सनातन धर्म की मौलिकता और मान्यताओं पर आघात पहुँचता है । अतः, वैसे विधर्मियों के खिलाफ भी यह उद्घोष होने की श्री दुबे ने घोषणा की।
इन्हीं १२ जगहों को कार्यक्रम के लिए क्यों चिह्नित किया गया सवाल पूछे जाने पर आनेवाला समय इसका भी जवाब जल्द हीं देगा उन्होंने बताया।
विभिन्न जगहों पर आयोजित इस कार्यक्रम में करीब २०० लोग शामिल हुए जिन्होंने जय श्रीराम, हर हर बमबम महादेव तथा जो राम का नहीं किसी काम का नहीं के जयकारे लगाए।
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