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Tuesday, 29 August 2023

गौरैया को विलुप्ति से बचाने के लिए संरक्षण एवं संवर्धन जरूरी

 गौरैया  को विलुप्ति से बचाने के लिये  संरक्षण और  संवर्धन  जरुरी : केंद्रीय मंत्री  अश्विनी कुमार चौबे


केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने गौरैया संरक्षण पर संजय की पुस्तक, 'अभी मैं जिन्दा हूं गौरैया' और "ओ री गौरैया' को बताया मनमोहक


पटना : 29 अगस्त 2023


केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि घर-आँगन में चहने-फुदकने वाली नन्ही सी चिड़िया गौरैया को विलुप्त होने से बचाने के लिये उसका संरक्षण और संवर्धन  जरुरी  है, और  इसके लिए आम लोगों को आगे  आना  होगा।

केंद्रीय मंत्री ने भारतीय  सूचना  सेवा के अधिकारी  और  गौरैया  संरक्षण में वर्षों से सक्रिय पटना के संजय कुमार द्वारा गौरैया  संरक्षण पर  लिखी दो पुस्तक, 'अभी  मैं  जिन्दा हूं गौरैया' (अनन्य प्रकाशन,दिल्ली)  और  ‘ओ री गौरैया' (प्रभात प्रकाशन) को सोमवार देर शाम,  भेंट स्वरुप स्वीकार करते हुये कहा कि संजय कुमार ने गौरैया संरक्षण पर  पुस्तक लिख महत्वपूर्ण संदेश  देने का काम  किया है। श्री चौबे  ने कहा  कि 'अभी मैं जिन्दा हूं गौरैया'  और  'ओ री गौरैया' पुस्तक गौरैया  संरक्षण  में अहम् भूमिका अदा करने वाली मनमोहक  पुस्तक है। उन्होंने कहा  कि गौरैया  जो विलुप्त प्रजाति होती जा रही  है। गौरैया  को बचाने  में जुटे संजय कुमार की दोनों पुस्तक जीवंत  है। पुस्तक में तथ्यों के साथ  गौरैया  संरक्षण  की बारीक़ बातें की गयी  है। केंद्रीय मंत्री ने कहा  कि साक्ष्य के आधार  पर दोनों पुस्तक लिखी  गयी  हैं।


केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री  अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि गौरैया  पारिस्थितिकी तंत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पृथ्वी  पर  हर  जीव का संरक्षण  जरुरी  है। प्रकृति की रक्षा  करेंगे, तो प्रकृति हमारी  रक्षा करेगी। प्रकृति में सभी जीव जंतु  का महत्व है। श्री चौबे  ने कहा  कि गौरैया किसानों की मित्र है। इसके रहने  से किसानों को फायदा  है। खेतों में फसलों  को नुकसान पहुँचाने  वालें  कीड़ो को गौरैया  अपना आहार  बनाती  है  और  फसलों  को होने वाले  नुकसान से बचाती है। गौरैया अपने पूरे जीवनकाल में कई तरह के फल एवं बीज खाती है। इस दौरान वह हर तरह के बीज को  अलग-अलग स्थानों पर फैलाती है, जो बाद में वह बीज वृक्ष बन जाते है। वृक्षारोपण  में गौरैया भूमिका  अदा करती  है। उन्होंने कहा  कि पुस्तक में गौरैया  संरक्षण  के लिये कृत्रिम बॉक्स की व्यवस्था का जिक्र है जो दूसरों को संरक्षण का रास्ता दिखायेगा। गौरैया  के संरक्षण और  संवर्धन  के लिये हमें व्यक्तिगत रूप से जागरण करना  पड़ेगा। गौरैया सहित जो प्रजाति नष्ट  हो रही  है। उसको कैसे  बचाये  उसका संरक्षण कैसे  करें। इसके लिये केंद्र सरकार कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि लोगों को संजय कुमार के कार्यों और  पुस्तक से प्रेणना भी  मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने लोगों  से अपील करते हुये कहा कि गौरैया  का  संरक्षण और  संवर्धन हर  इंसान को करना  चाहिए। गौरैया  को आवासीय संकट  से निजात दिलाने के लिये लोगों को अपने घरों में घोंसला यानि कृत्रिम बॉक्स लगाना  चाहिए साथ  ही  दाना -पानी  रखने  की पहल  भी करनी  चाहिए।

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