खुटौना सीएचसी में बंद हुई ओपीडी सेवाएं : चालू है इमरजेंसी
48 घंटों का अल्टीमेटम : मांग पूरी नहीं होने पर इमरजेंसी भी करेंगे बंद
रिपोर्ट : गौरव कर्ण(खुटौना)
31:07:2023
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुटौना में सोमवार से डॉक्टरों एवं चिकित्सा कर्मियों ने विरोध दर्ज़ करते हुए सभी ओपीडी सेवाएं बंद कर दिया है।
विदित हो कि बीते दिनों शनिवार को एक प्रसूता की मौत मामले को लेकर कुछ असामाजिक तत्वों ने अस्पताल में जमकर बवाल मचाते हुए तोड़-फोड़ किया था। उपद्रवी तत्वों ने एक एम्बुलेंस चालक रंजीत यादव की पिटाई भी की। वहीं एक आशाकर्मी रीता को भी कुछ महिलाओं द्वारा लप्पड़-थप्पड़ मारने और गाली गलौज करने की जानकारी प्राप्त हुई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उग्र भीड़ हिंसा पर उतारू थी। अगर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर सूझबूझ से काम नहीं लेते और अगर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती नहीं की जाती, तो उस दिन कल्पना से बाहर कुछ भी अनिष्ट हो सकता था।
फिलहाल इस संदर्भ में मामले की जांच करने पहुंचे एसडीएम कुमार अभिषेक ने मृतका के परिजनों को कार्रवाई का भरोसा दिया था । साथ ही शनिवार को परिजनों के फर्द बयान पर डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया था।
पुनः रविवार को अस्पताल प्रशासन के तरफ़ से भी उक्त मामले को लेकर कुछ ज्ञात एवं अज्ञात लोगों के विरूद्ध जान मारने की नीयत से हमला करने, तोड़ फोड़ करने, डॉक्टरों को उनके कार्य से रोकने, प्रायोजित हिंसा कर भय फैलाने जैसे कई संगीन मामलों में एफआईआर दर्ज़ कराया गया था।
इस पूरे मामले को लेकर आज सोमवार को सीएचसी के सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने बहिष्कार करते हुए ओपीडी सेवाएं बंद कर दिया। सिर्फ इमरजेंसी सेवा चालू है।
उक्त संदर्भ में पत्रकारों से बात करते हुए चिकित्सा कर्मियों ने बताया कि जिस प्रकार से कुछ लोगों द्वारा सुनियोजित तरीके से अस्पताल में तांडव मचाते तोड़ फोड़ कर हमला किया गया और भय का माहौल खड़ा किया गया, उससे सभी स्वास्थ्य कर्मी डरे सहमे हुए हैं। साथ ही मृतका के परिजनों को उकसा कर डॉक्टरों पर एफआईआर करवाया गया।
इसीलिए सभी स्वास्थ्यकर्मी उक्त घटना की कड़ी निंदा करते हुए मांग करते हैं कि चिकित्सा कर्मियों पर किया गया झूठा FIR वापस हो । साथ ही 48 घंटे के अंदर अस्पताल द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर मामले में आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी हो ; अन्यथा 48 घंटे के बाद सभी स्वास्थ्य कर्मी इमरजेंसी सेवा भी बंद कर देंगे।
इस बाबत पूछने पर चिकित्सा प्रभारी विजय मोहन केशरी ने कहा इस तरह से स्वास्थ्य कर्मियों को मारना,पीटना, डराना और धमकाना निंदनीय है। वे लोग डर के माहौल में जी रहे हैं। कुछ लोगों द्वारा जानबूझ कर उनकी हत्या करवाने की नियत से सारा प्रपंच रचा गया।
इस मामले में शीघ्र कारवाई की मांग करते हुए आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी और डॉक्टरों पर हुए एफआईआर को वापस लेने की बात कहते हुए सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने ओपीडी बंद कर दिया है।
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