नाईट रूटमार्च और फायरिंग बेहद जरूरी : ले.कर्नल प्रभाकरण
मधुबनी : आर्मी विंग के एनसीसी कैडेटों के लिए नाईट रूटमार्च और फायरिंग का प्रशिक्षण बेहद जरूरी है । वार्षिक प्रशिक्षण शिविर में कैडेटों को सम्बोधित करते हुए कैम्प कमान्डेंट ले.कर्नल प्रभाकरण ने कहा कि किसी भी सैनिक के लिए रात के अंधेरे में लंबी दूरी तक पैदल चलकर दुश्मन के पोस्ट तक पहुंचना और फिर सटीक निशानेबाजी से दुश्मनों को तबाह करना बहुत जरूरी है । इस बात को ध्यान में रखते हुए कैम्प कमांडेंट ने अपने नेतृत्त्व में कैम्प से सभी कैडेटों को साथ लेकर शाम के धुँधलके में कैम्प से पूरब स्थित एक नहर के किनारे-किनारे चलते हुए रात के अँधेरे में लगभग छह किलोमीटर का नाईट रूटमार्च करवाया । रास्ते में टूटे-फूटे रास्तों और मेड़ों पर सावधानीपूर्वक चलते हुए दुश्मन के इलाके में घुसने की तरकीब साथ चल रहे सू.मे. के.बी.आले, सूबेदार संजय कुमार और नायब सूबेदार गंगा गुरूंग सभी कैडेटों को समझाते जा रहे थे ।
फौज में हर तरह की ज़मीन पर लड़ाई करने की कला अलग-अलग सिखलाई जाती है । इस लिहाज से यह नाईट रुटमार्च 34 बिहार बटालियन एनसीसी के कैडेटों के लिए बेहद अहम है । नाईट रुटमार्च के प्रशिक्षण के बाद आर.के.कॉलेज स्थित फायरिंग रेंज पर सूबेदार संजय कुमार, ना.सू.गंगा गुरुंग, फर्स्ट अफसर शशि कपूर, सेकंड अफसर डॉ. संतोष कुमार के साथ-साथ गोरखा राइफल्स के हवलदार प्रवीण राणा, नायक कुंदन कुमार, नायक नितिन छेत्री ने कैडेटों को सटीक निशानेबाजी का प्रशिक्षण दिया । फायरिंग के प्रशिक्षण में जीसीआई कुमारी निधि, सार्जेंट नंदिनी कुमारी,यूओ रवीश कुमार, यूओ ऋषि कुमार, कैडेट विनीता कुमारी, आरती कुमारी,सुरभि मिश्रा, रौशन कुमार, पुष्पम कुमार सहित सैकड़ों कैडेट मौजूद थे । फायरिंग करने के बाद महिला कैडेटों में आत्मसुरक्षा को लेकर एक नया आत्मविश्वास दिख रहा था । इन कैडेटों को बिना हथियार की लड़ाई (यूएसी) के प्रशिक्षण से भी काफी लाभान्वित होने की आशा है ।
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