बाल श्रम रोकने के लिए अधिकारियों ने चलाया छापेमारी अभियान
मधुबनी जिले के जयनगर अनुमंडल मुख्यालय के शहरी क्षेत्रों में दुकानदारों के द्वारा बाल श्रमिकों से मजदूरी कराने की सूचना पर गुरुवार को श्रम विभाग जयनगर व मधुबनी के संयुक्त छापेमारी से पूरे शहर में बाल श्रमिकों से मजदूरी कराने वाले दुकानदारों में हडकंप मच गया। जयनगर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी प्रेम कुमार के नेतृत्व में अंधराठाढी के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अमित कुमार, खजौली के हितेश कुमार, राजनगर अनुप शंकर, हरलाखी सिद्धार्थ कुमार, थाना एसआई रौशन कुमार, एएसआई बीके ठाकुर कोलाइब मधुबनी के कोडिनेटर सनी कुमार, चाइल्ड लाईन सब सेंटर के इंचार्ज सविता कुमारी के नेतृत्व में शहरी क्षेत्र के भेलवा चौक के समीप राज आटो सेंटर मोटरसाइकिल पार्टस के दुकान में छापामारी कर एक बाल श्रमिक को अपने कब्जे में ले कर थाना लाया गया। श्रम विभाग की कार्रवाई से शहर के कई दुकान पर दुकानदारों के द्वारा ताला लगा कर फरार हो गया।मौके पर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी प्रेम कुमार ने बताया कि वरीय अधिकारियों के आदेश पर ढाबा दल टीम के द्वारा पुलिस के सहयोग से बाल मजदूरों को मुक्त कराने के लिए जयनगर में छापामारी अभियान चलाया गया है। राज आटो सेंटर से एक बाल मजदूर को मुक्त कराने के बाद कागजी कार्रवाई होने पर बाल मजदूर को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाल श्रम नहीं हो, इसके लिए समाज के सभी सामाजिक संगठन, राजनीतिक संगठन, जनप्रतिनिधि को आगे आने की जरूरत है। 6 से 14 साल के बच्चे से बाल श्रम कराना कानूनी अपराध है। 14 से 18 वर्ष के बच्चे से खतरनाक नियोजन में श्रम कराना अपराध है। इसमें 20हजार से ₹50हजार का जुर्माना है एवं 2 साल की सजा है। बालश्रम होने से बच्चों का बचपना, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं उनकी आजादी को खत्म करते हैं, क्योंकि शिक्षा एक मौलिक अधिकार है। इसके लिए सभी बच्चे को विद्यालय भेजने की बात कही, बालश्रम नहीं हो।
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