आईएलओ और बिहार सरकार के संयुक्त रूप से बिहार में चल रहे लाल ईंट भट्टे पर कार्यरत श्रमिकों की आर्थिक सामाजिक प्रभाव का हो रहा आकलन
न्यूज़ डेस्क : मधुबनी
आईएलओ(अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन) एवं बिहार सरकार के संयुक्त रूप से बिहार सरकार के द्वारा लाल ईंट भट्टे पर कार्यरत श्रमिकों के आर्थिक सामाजिक प्रभाव का आकलन कराया जा रहा है, जिसकी जिम्मेवारी अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान पटना को दी गई है। इस संस्थान के द्वारा आठ सदस्यीय टीम गठन कर बिहार के विभिन्न जिलों में भेजा गया, जिसके तहत टीम मुजफ्फरपुर से हो कर मधुबनी पहुंची। जिला के विभिन्न प्रखंडों जाकर श्रमिकों एवं ईट भट्ठा मालिकों से बातचीत का कार्य 7अप्रैल से हो रही है। इसके तहत टीम बिस्फी प्रखंड के ईट भट्ठा पर पहुंची, जहां श्रमिकों के आर्थिक सामाजिक प्रभाव के बारे में जानकारियां एकत्र की। इसमें देखा गया कि बच्चा मजदूर भी जो कि दोनो आँखों से अंधा होने के बावजूद, ईट भट्ठा में काम करते पाया गया और बच्चा खुद सारी बातें बताया। साथ ही ईट भट्ठा मालिक से बातचीत कर उनके द्वारा दी गई जानकारी से अवगत हुआ और बिहार सरकार को इसकी सूचना से अवगत कराया जायेगा।
ज्ञात हो कि बिहार सरकार एवं आईएलओ का मुख्य उद्देश्य
कार्यरत मजदूरों की समस्या निदान तथा ईट भट्ठा के मालिकों को ईट उद्योग को संचालित करने में होने वाले कठिनाइयां के बारे में अध्ययन किया जा रहा है। इस कार्य के पूर्व बिहार सरकार के द्वारा लाल ईंट भट्ठा को बंद करने का आदेश निर्गत की गई थी । उसके उपरांत ईट भट्टों के मालिकों द्वारा प्रदर्शन की गई थी। इस टीम के छः सदस्यीय टीम में शोध सहायक के रुप में सम्मिलित सदस्य अमरेंद्र कुमार, चंदन भूषण, राजेंद्र कुमार, संजय कुमार मिश्रा, प्रदीप कुमार, एवं तमन्ना परवीन शोध सहायक के कार्य कर योजना की जानकारी एकत्र कर रहे हैं। आईएलओ तथा बिहार सरकार को रिपोर्ट सौंपी जायेगी।
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