दहेजलोभियों एवं भ्रूण हत्या को अंजाम देने वाले असामाजिक लोगों के प्रति तिरस्कार की भावना जरूरी : डीएम
न्यूज़ डेस्क : मधुबनी
कहा जाता है जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं ।
प्राचीन काल से यहां महिलाओं को समाज में विशिष्ट आदर सम्मान दिया जाता है । यह बात शुक्रवार को नगर भवन में मौजूद श्रोताओं के बीच
डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर
संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन करने के बाद कही । उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश हमारे समाज में कुरीतियां भी मौजूद थीं , मसलन, सती प्रथा एवं बाल विवाह जो सम्पूर्ण नारी जगत के लिए घोर अभिशाप से कम नहीं था ।
लिहाजा समाज में चेतना और जागरूकता आने की वजह से इस
सामाजिक बुराई ( सोशल एविल) को खत्म किए जाने को लेकर सार्थक पहल की गई । उन्होंने कहा कि आज के बदलते परिवेश में दहेज प्रथा और भ्रूण हत्याओं पर नकेल कसने को लेकर जिला प्रशासन काफी मुस्तैद है। सरकारी तंत्र समाज के लोगों से अपेक्षा करती है कि दहेज प्रथा एवं भ्रूण हत्याओं पर शत प्रतिशत अंकुश लगने के लिए आम लोगों और प्रशासन के बीच परस्पर संवाद होता रहे । दूसरी ओर उन्होंने कहा कि बेटियां और बेटे देश और समाज के विकास में बराबर के भागीदार हैं । डी डी सी विशाल राज , ज़िप अध्यक्ष बिंदु गुलाब यादव, ज़िला पंचायतराज पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार, डीपीओ, ज़िला सांख्यिकी पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस सहित कई लोगों ने समारोह को संबोधित किया । इस अवसर पर डा. अभिषेक कुमार ,महिला हेल्प लाइन प्रभारी श्रीमती वीणा चौधरी, आईं सी डी एस कविता कुमारी, ए सी एम ओ डा. आर के सिंह
प्रणव ,यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा , जी एन एम माधुरी कुमारी , डा. मीनाक्षी कुमारी डा . रजनी, डा.खुशबू, महिला अधिवक्ता रेणु कुमारी, पूनम सिंह, विक्रमशिला देवी, सपना कुमारी, राजश्री किरण , कई महिला संगठनों की महिलाएँ, आंगनबाड़ी सेविकाएँ, सहायिकाएं एवं अन्य लोग उपस्थित थे । मंच संचालन यूनीसेफ के एसएमसी श्री प्रमोद कुमार झा ने किया ।
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