प्रशांत किशोर ने सारण में कहा - जन सुराज में मेरी भूमिका कुम्हार की, आपको अपने बच्चों के भविष्य के लिए खुद ही खड़ा होना पड़ेगा
जन सुराज पदयात्रा के 172वें दिन की शुरुआत सारण के मशरख प्रखंड अंतर्गत सेमरी पंचायत स्थित सत्यदेव हाई स्कूल में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ सेमरी पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा सोनौली, रामपुर अटौली, मशरक नगर पंचायत, जयथर होते हुए इशुपुर प्रखंड अंतर्गत केरवा पंचायत के मध्य विद्यालय में जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। आज प्रशांत किशोर सारण के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 7 आमसभाओं को संबोधित किया और 6 पंचायत के 13 गांवों से गुजरते हुए 14.7 किमी की पदयात्रा तय की।
*मेरी भूमिका कुम्हार की है, आपको अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए खुद ही खड़ा होना पड़ेगा: प्रशांत किशोर*
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के मशरख में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के दौरान लोग मुझे कहते हैं कि हम आपके साथ तन, मन, धन से खड़े हैं। मैं हाथ जोड़कर आप सभी से कहता हूँ कि जब आप अपने बच्चों के साथ नहीं खड़े है तो मेरे साथ क्या खड़े होंगे? आपके बच्चे पढ़ लिखकर घर में बेरोजगार बैठे हैं। बिहार में उसके पढ़ने-लिखने और रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन आप जाति के नाम पर वोट देते हैं, भारत पाकिस्तान के नाम पर वोट देते हैं। इसलिए अभी तक कोई दल नहीं बनाए हैं, क्योंकि समस्या आपकी है तो दल भी आपको ही बनाना पड़ेगा।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि हमारा काम कुम्हार वाला है अगर आपको घड़ा बनाना है तो घड़ा तो मिट्टी और चाक से बन जाएगा, लेकिन कुम्हार का काम होता है कि वो मिट्टी को सहारा दे ताकि घड़ा अपने आकार में तैयार हो सके। अगर आप खड़ा होंगे तो जन सुराज अपनी बुद्धि, ताकत, संसाधन लगाने को तैयार है। इसके लिए आपको अपने बच्चों के भविष्य के लिए खड़ा होना पड़ेगा।
*पिछले 10 सालों में मैंने जिसका हाथ थामा है उसे हारने नहीं दिया है, इस बार बिहार की जनता का हाथ थामने आए हैं: प्रशांत किशोर*
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के मशरख में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि विकल्प बनाने तक तो ठीक है, लेकिन लोग पूछते हैं कि चुनाव कैसे जीतना है? तो मैं आपको बताता हूं कि चुनाव कैसे जीतना है। लोकतंत्र में जन बल के आगे कोई बल नहीं है। एक बार आप संकल्प ले लीजिए कि जाति पर नहीं, धर्म पर नहीं, 5 किलो अनाज और नाली- गली पर वोट नहीं देंगे, सिर्फ और सिर्फ अपने बच्चों की पढ़ाई और रोजगार पर वोट देंगे। बिहार की जनता यदि यह संकल्प ले लेती है, तो कोई नेता आपके सामने खड़ा नहीं हो पाएगा। जो लोग हमको जानते हैं उन्हें यह पता है कि प्रशांत किशोर को और कुछ आए न आए चुनाव जीताना आता है। पिछले 10 सालों में जिस भी दल के साथ खड़े हुए हैं, वो चुनाव जीता है अब किसी दल का नहीं किसी नेता का नहीं, बिहार की जनता का हाथ थामा है और भरोसा रखिए आपको भी हारने नहीं देंगे।
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