किराना व्यवसायी के घर हथियार के बल पर लूटपाट : करीब छह लाख की संपति लूटी
न्यूज़ डेस्क : मधुबनी
मधुबनी जिले के खजौली थाना क्षेत्र के भकुआ पंचायत के कसमा मरार गांव में सोमवार की रात हथियार से लैश आधे दर्जन नकाबपोश अपराधियों ने किराना व्यवसायी रंजीत गुप्ता के घर में में लूटपाट की। घर के पीछे का दीवाल फांदकर अपराधियों ने घर में प्रवेश किया और गृहस्वामी के हाथ-पांव बांधकर उन्हें अपने कब्जे में लेकर घटना को अंजाम दिया। इस क्रम में अपराधियों ने दो लाख 65 हजार रुपये नकद, करीब तीन लाख रुपये के आभूषण सहित तकरीबन छह लाख रुपये मूल्य की संपति लूट ली। घटना के दौरान स्थानीय थाना की पुलिस गश्तीदल घटना स्थल के आसपास ही गश्त लगा रही थी, किन्तु उन्हें भनक तक नहीं लगी। अपराधियों के भाग जाने के बाद गश्ती दल घटना स्थल पर पहुंची। हालांकि सोमवार रात से ही थाना पुलिस घटना की छानबीन में जुटी है। जांच में स्वान दस्ते एवं जिला से आईटी सेल की मदद ली जा रही है, किन्तु पुलिस अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। गृहस्वामी के घर के पीछे एक गेंहू के खेत से पुलिस ने छह जिंदा देशी बम बरामद किया है। इस सिलसिले में गृहस्वामी रंजीत गुप्ता के फर्दबयान पर स्थानीय थाना में लूटपाट का एक मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी अनुसार अपराधियों ने घर में प्रवेश करते ही परिवार के सभी सदस्यों का मोबाइल छीन लिया और रस्सी से हाथ-पांव बांधकर उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। पुनः बारी-बारी से सभी कमरों में रखे पेटी, बॉक्स एवं आलमारी का ताला तोड़कर उसमें रखे नकद तथा आभूषण सहित करीब छह लाख रुपये की संपति लूट लिया। आभूषण और पैसे की जानकारी नहीं देने पर गृहस्वामी की पत्नी सरिता गुप्ता के साथ मारपीट भी की। गृहस्वामी के अनुसार अपराधी करीब छह की संख्या में थे, जो अपनी पहचान छुपाने के लिए अपने चेहरे पर मास्क लगाए थे। घटना के दौरान अपराधी घर में लगे सीसीटीवी का हार्ड डिस्क भी अपने साथ ले गए।
उल्लेखनीय है कि गृहस्वामी रंजीत गुप्ता के छोटे भाई किराना व्यवसायी सुमन गुप्ता के घर में भी करीब एक वर्ष पूर्व डकैती की घटना घटी थी। पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए इस सिलसिले में दो अपराधियों को गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया में भेजा था। पुनः एक वर्ष बाद गांव में घटी डकैती की घटना से लोग दहशत में हैं। वहीं थानाध्यक्ष अजीत प्रसाद सिंह ने बताया कि घटना की गहन छानबीन की जा रही है। घटना के छानबीन को लेकर श्वानदस्ते और तकनीकी सेल की मदद भी ली जा रही है।
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