एसएसबी झलौन में मशरूम फार्मिंग, बर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर का छः दिवसीय प्रशिक्षण हुआ शुरू
न्यूज़ डेस्क : मधुबनी
मधुबनी जिले के 18वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय राजनगर के अंतर्गत झलौन बीओपी परिसर में छः दिवसीय मशरूम फार्मिंग, बर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर उत्पादन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन शुरू किया गया है।
मधुबनी जिले के लदनियां प्रखंड स्थित भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 18वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय राजनगर के कार्यवाहक कमांडेन्ट शैलेन्द्र कुमार पांडेय के निर्देशानुसार राजपत्रित अधिकारी उप कमांडेन्ट बृजेश कुमार यादव के नेतृत्व में रामा फाउंडेशन, बेनीपट्टी(मधुबनी) के द्वारा -2022-23 के अंतर्गत सीमा क्षेत्र में जीवन यापन करने वाले लोगों को नागरिक कल्याण के तहत मशरूम फार्मिंग, बर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर उत्पादन हेतु प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 1 फरवरी 2023 से लेकर 6 फरवरी 2023 तक सुचारू रूप से चलाई जाएगी जिसमें दो दिन जैविक खाद तैयार करने से संबंधित, दो दिन मशरूम खेती से संबंधित एवं दो दिन मछली पालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा और यह प्रशिक्षण पूर्ण होने पर प्रशिक्षित युवकों को मशरूम फार्मिंग, बर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर उत्पादन से संबंधित प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। इससे मशरूम फार्मिंग, बर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर के उत्पादन करने में स्वरोजगार को बढ़ाने में सरकारी सेवा में रोजगार तलाशने एवं ऋण लेने के लिए कारगर साबित होगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीमा क्षेत्र के 28 बेरोजगार युवकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और एसएसबी के द्वारा नागरिक कल्याण के तहत सीमा क्षेत्र बसे बेरोजगार युवकों ने इस प्रशिक्षण से लाभान्वित होकर इस मशरूम फार्मिंग, बर्मी कम्पोस्ट पिसिकल्चर उत्पादन से अपनी बेरोजगारी को दूर करेंगे। इस कार्यक्रम के अवसर पर 18वीं वाहिनी एसएसबी के राजपत्रित अधिकारी उप कमांडेन्ट बृजेश कुमार यादव ने कार्यक्रम में उपस्थित एवं प्रशिक्षण में भाग ले रहे सभी बेरोजगार युवकों, अभिभावकों एवं स्थानीय पदाधिकारियों एवं अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कौशल विकास कार्यक्रम को चलाने का मेरा मुख्य उद्देश्य देश के सीमावर्ती क्षेत्रों के युवकों को स्वावलंबी बनाना है । साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि विगत वर्षों में 18वीं वाहिनी एसएसबी समय-समय पर आयोजित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत अलग-अलग कोर्स कराये जा चुके है, जिसमें लाभान्वित सीमावर्ती क्षेत्रों के युवकों को अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार मिला है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अनवरत रूप से जन सरोकार तथा आम जनता के हित के लिए सदैव प्रयत्नशील रही है। वहीं रामा फाउंडेशन के निदेशक दिवेश पांडेय ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके द्वारा दिये गए मशरूम खेती प्रशिक्षण कोर्स में शामिल युवकों को भविष्य में अच्छा रोजगार मिल सकेगा। सीमा क्षेत्र में जीवन यापन कर रहे छात्र/छात्राओं को यह प्रशिक्षण सरकारी सेवा में नियुक्त होने से वंचित रह जाते हैं, उनके लिए यह अभियान मील का पत्थर साबित हो सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य यह है कि बॉर्डर क्षेत्र में अपना जीवन यापन के लिए सरकार के द्वारा प्रतिबंधित पदार्थों को तस्करी करने के लिए मजबूर होते हैं, तो इस दबे-कुचले परिवार जो मजबूर होते है, जिन्हें अपने बच्चों के भविष्य के लिए धन के अभाव में पढ़ाई के जगह तस्करी जैसे अपराध करने के लिए कदम उठाने पर उतावले होते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एसएसबी का हमेशा से मोटो रहा है "सेवा,सुरक्षा और बन्धुत्व"। यह अभियान शिक्षा ग्रहण करने वाले लड़के नहीं बल्कि बॉर्डर क्षेत्र में गुजर-बसर कर रहे पूरे समाज के लिए वरदान साबित हो सकती है।
इस अवसर पर 18वीं वाहिनी एसएसबी के राजपत्रित अधिकारी उप कमांडेन्ट बृजेश कुमार यादव, सहायक कमांडेन्ट कुमार जय मिश्रा, निरीक्षक अंकुर कुमार मिश्रा कंपनी कमांडर एफ कंपनी पिपराही रामा फाउंडेशन के निदेशक दिवेश पांडेय, रामा फाउंडेशन के जिला कॉर्डिनेटर प्रकाश यादव, प्रशिक्षक कृषि सलाहकार देवनाथ यादव, शिव कुमार समेत सैकड़ों लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
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