टीबी रोग से मुक्त हुए मरीज को केले अंगूर,संतरे ,अनार सेब , रेवड़ी व्यवसाय करने के लिए ठेला उपलब्ध कराई गई।
मरीजों में स्वरोजगार की प्रवृत्ति होगी विकसित
नगर संवाददाता : मधुबनी
केंद्र सरकार ने 2025 तक भारत को टीबी (यक्ष्मा) मुक्त करने का निर्णय लिया है।
सरकार इसके लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है ।
लिहाजा टीबी मरीजों के लिए सरकार तथा अन्य संस्थाओं के द्वारा कई पहल किए जा रहे हैं ।
यक्ष्मा मरीजों को उपचार एवं पौष्टिक आहार लेने के लिए निक्षय पोषण राशि भी उपलब्ध करवा रही है ।
साथ ही कई संस्थाओं एवं आम लोगों के लिए सरकार निक्ष्य मित्र योजना का भी संचालन कर रही है
जिसके तहत कोई भी व्यक्ति टीबी मरीजों को गोद लेकर पौष्टिक आहार एवं अन्य प्रकार से सहयोग कर सकता है ।
संस्थाएं यक्ष्मा मरीजों को स्वरोजगार भी उपलब्ध करा रही है ।
इसी क्रम में राजनगर के नरकटिया निवासी एमडीआर टीबी मरीज दशरथ राम को जीविकोपार्जन के लिए करने के लिए डीएफआइटी संस्था के द्वारा ठेला तथा ठेला पर व्यवसाय के लिए फल उपलब्ध कराया गया
जिसकी लागत लगभग 25000 रुपये है ।
इससे पहले भी संस्था के दौरान दो अन्य टीबी मरीजों को सिलाई मशीन उपलब्ध कराया गया है ।
संचारी रोग पदाधिकारी डॉक्टर जीएम ठाकुर ने बताया कि यक्ष्मा मरीज को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है ।
मसलन मरीजों में स्वरोजगार की प्रवृत्ति आएगी एवं उन्हें स्वाबलंबी बनाने में सहायक होगी ।
दूसरी ओर संचारी रोग पदाधिकारी डॉक्टर जीएम ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार ने टीबी उन्मूलन के लिए 2025 का वर्ष निर्धारित किया है
जिसके लिए जमीनी स्तर (ग्रास रूट) पर कार्य करने की आवश्यकता है। वहीं लोगों को भी समेकित रूप से जागरूकता हेतु प्रयास करना होगा। उन्होंने बताया स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रखंड स्तर पर प्रत्येक समुदाय में कार्य कर रही है ।
ज्यादा से ज्यादा रोगियों की खोज और उपचार हमारा संपूर्ण लक्ष्य है जिससे टीबी पर विजय पाई जा सके। डॉ. ठाकुर ने कहा कि टीबी पूर्ण रूप से ठीक होने वाली बीमारी है।
बशर्ते वह नियमित रुप से दवा का सेवन करें. टीबी के रोगियों को नि:शुल्क दवा का वितरण सरकारी अस्पतालों के द्वारा किया जाता है।
• लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
• खांसी के साथ खून का आना
• छाती में दर्द और सांस का फूलना
• वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
• शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
• रात में पसीना आना
मौके पर सीडीओ डॉक्टर जीएम ठाकुर, राजनगर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक, डीपीसी पंकज कुमार, डीएफआइटी के प्रदीप कुमार,एसटीएलएस अनिरुद्दीन अंसारी, मोहम्मद इस्माहतुल्लाह उर्फ गुलाब सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे ।
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