मनुष्य के मूलभूत सार्वभौमिक अधिकारों की रक्षा ही मानवाधिकार है :- डॉ. नंद कुमार
वैश्विक स्तर पर मानवाधिकार संरक्षण के लिए जागरूकता जरूरी :- डॉ. शशि भूषण कुमार
इंसानी अधिकारों के वजूद को अस्तित्व में लाए बगैर मानवाधिकार की लड़ाई अप्रासंगिक :- डॉ. एस.के. सिंह
न्यूज़ डेस्क : मधुबनी
मधुबनी जिले के डी.बी. कॉलेज, जयनगर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार पासवान के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस का आयोजन किया गया।
इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. नंद कुमार ने कहा कि मानवाधिकार मनुष्य के वे मूलभूत सार्वभौमिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि किसी भी दूसरे कारक के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता। सभी व्यक्तियों को गरिमा और अधिकारों के मामले में जन्मजात स्वतंत्रता और समानता प्राप्त है। वास्तव में प्रत्येक व्यक्ति को ऐसे जीवनस्तर को प्राप्त करने का अधिकार है जो उसे और उसके परिवार के स्वास्थ्य, कल्याण और विकास के लिए आवश्यक है। मानव अधिकारों में आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों के समक्ष समानता का अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार आदि नागरिक और राजनीतिक अधिकार भी सम्मिलित हैं।
इस अवसर पर भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. शशि भूषण कुमार ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मानव के अधिकारों के संरक्षण के विषय में जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है।
वाणिज्य विभाग के युवा शिक्षाविद् डॉ. एस.के. सिंह ने छात्र ने को सम्बोधित करते हुए कहा कि इंसानी अधिकारों को पहचान देने और वजूद को अस्तित्व में लाने के लिए और अधिकारों के लिए जारी हर लड़ाई को ताकत देने के लिए हर साल 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस यानी यूनिवर्सल ह्यूमन राइट्स डे मनाया जाता है। पूरी दुनिया में मानवता के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को रोकने और उसके खिलाफ संघर्ष को नई ऊंचाई देने में इस दिवस की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारे देश में 28 सितंबर 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में आया और 12 अक्टूबर 1993 में सरकार ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया। आयोग के कार्यक्षेत्र में नागरिक और राजनीतिक के साथ आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार भी आते हैं।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार पासवान ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर डॉ. नंद कुमार, डॉ. संजय कुमार पासवान, डॉ. शशि भूषण कुमार, डॉ. एस.के. सिंह, डॉ. रमण कुमार ठाकुर, डॉ. आनंद कुंवर, डॉ. रंजना, ओम कुमार सिंह, डॉ. अखिलेश श्रीवास्तव, डॉ. श्यामकृष्ण, डॉ. ज्योति प्रकाश, डॉ. कोमल कुमारी सहित दर्जनों शिक्षाविद् और छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
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