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Sunday, 11 December 2022

"ओ री गौरैया" पुस्तक का पटना में लोकार्पण

 बिहार की राजकीय पक्षी गौरैया पर केंद्रित    संजय कुमार की सद्य: प्रकाशित पुस्तक "ओ री गौरैया" का हुआ  लोकार्पण




  गौरैया- संरक्षण पर केंद्रित  पुस्तक "ओ री गौरैया" का हुआ लोकार्पण



पटना, 11दिसंबर, 2022


पटना पुस्तक मेला में आज विलुप्त की ओर अग्रसर बिहार की राजकीय पक्षी गौरैया पर केंद्रित प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो पटना के सहायक निदेशक व गौरैया संरक्षण में सक्रिय संजय कुमार की सद्य: प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक "ओ री गौरैया* का   लोकार्पण देश के चर्चित पर्यावरणविद- लेखक यादवेंद्र, वाइल्ड लाइफ ऑफ ट्रस्ट के संरक्षण प्रमुख, डॉ समीर कुमार सिन्हा, उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव दिलीप कुमार, जेड एस आई के वरिष्ठ वैज्ञानिक व डॉल्फिन विशेषज्ञ डॉ गोपाल शर्मा, लेखक-पत्रकार ध्रुव कुमार ने संयुक्त रूप से किया।

पुस्तक के लेखक और वर्षों से गौरैया संरक्षण में सक्रिय संजय कुमार ने कहा कि, 'ओ री गौरैया' सिर्फ पुस्तक नहीं बल्कि गौरैया संरक्षण का संदेश देता एक जीवंत दस्तावेज है। जो लोगों को गौरैया संरक्षण की पहल से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि पुस्तक में गौरैया संरक्षण के विविध आयामों को समेटा गया है। गौरैया के बारे में छोटी बड़ी बातों को समेटा गया है।

मौके पर पर्यावरणविद लेखक यादवेंद्र ने कहा कि ओ री गौरैया सिर्फ किताब ही नहीं बल्कि लेखक का पैशन है। उन्होंने कहा कि बचपन में हम गौरैया का संरक्षण करते थे और जिस घर में यह रहती थी वह घर सौभाग्यशाली माना जाता था, लेकिन आज यह घर आंगन से गायब हो गई है। ऐसे में संजय कुमार की ओ री गौरैया , गौरैया की  घर वापसी के लिए  कारगर साबित होगी।

वहीं, वाइल्ड लाइफ ऑफ ट्रस्ट के संरक्षण प्रमुख, डॉ समीर कुमार सिन्हा ने कहा कि गौरैया एक जंगली प्राणी है। हम इसके संरक्षण के लिए कुछ नहीं करते क्योंकि गौरैया एक घरेलू चिड़िया है। जो हमारे घरों में रहती है  लेकिन बदलते परिवेश में यह गायब हो गई है। जरूरत है इसके वापसी की, अगर पहल से गौरैया वापस आती है तो यह इकोसिस्टम के लिए अहम होगा। जब गौरैया होगी तो पर्यावरण भी संतुलित होगा। जहां गौरैया रहती है वहां का पर्यावरण संतुलित रहता है।


वहीं, उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव दिलीप कुमार ने कहा कि एक समय था जब घर आंगन में  पेड़ पौधे होते थे लेकिन अब गायब  है। घरों में रोशनदान होता था जो अब नही है। रोशनदान से गौरैया घर के अंदर आती थी । हमने गौरैया को घर से दूर कर दिया इसलिए अब हमें इसे बुलाने के लिए पहल करनी होगी।

जेड एस आई के वरिष्ठ वैज्ञानिक व डॉल्फिन विशेषज्ञ डॉ गोपाल शर्मा ने कहा कि गौरैया की घर वापसी हो रही है  इसमें काम भी हो रहा है। उन्होंने कहां कि कीटनाशक और कंक्रीट के इमारतों ने गौरैया को हमसे दूर कर दिया है। जरूरत है पहल की, ऐसे में गौरैया पर पुस्तक का आना सुखद है।


लेखक- पत्रकार ध्रुव कुमार ने कहा कि गौरैया क्यों गायब हुई उस पर विचार विमर्श की जरूरत है। ऐसे में गौरैया पर किताब का आना अहम है । उम्मीद है कि पुस्तक गौरैया संरक्षण की दिशा में अहम भूमिका निभायेगी।

लोकार्पण कार्यक्रम का संचालन डॉ ध्रुव कुमार ने किया। लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान प्रकाशन विभाग के अमित शर्मा, डीडी न्यूज के उपनिदेशक सलमान हैदर, चर्चित रंग कर्मी सुमन कुमार, कवि विश्वकर्मा और  गौरैया एवं  पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय आशा प्रसाद,  निशांत रंजन, सुनील कुमार सुमन, आकाश, खुशी आदि उपस्थित रहे।


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