रिपोर्ट : उदय कुमार झा
29:11:2022
मधुबनी : कुमारी शोभेन्दु एवं श्री राजकुमार सिंह के घर 1995 ई.में जन्मी एक बेटी आज समाजहित में काम करते-करते सबकी लाड़ली बन चुकी है । मधुबनी की इस बेटी का नाम है - निधिराज । बचपन से ही लोगों की मदद करना निधि को अच्छा लगता था । परिस्थिति कुछ ऐसी बनी कि चार साल पहले उसने देशभक्ति का यह गीत - कर्मा तू- गाकर यूट्यूब पर लोड किया तो बहुत जल्दी यह गीत वायरल हो गया और लोगों ने जमकर इस गायिका की तारीफ की । रातोंरात निधि यूट्यूब पर स्टार सिंगर बन गई । फिर तो उसे कई जगहों पर अपना स्टेज शो करने के लिए बुलाया जाने लगा और वह प्रोफेशनल सिंगर बन गई । जब कोरोना की दूसरी लहर आई तो वह भी कोरोना की चपेट में आ गई । किसी तरह निधि की जान बच गई । अपने इलाज के दौरान वह दूसरे रोगियों का दुःख-दर्द देखी । कोरोना के कई रोगियों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहा था तो दूसरी ओर वे ऑक्सीजन के अभाव में जीवन-मौत के बीच झूल रहे थे । इस बीच जब निधि खुद ठीक हो गई तो जिन रोगियों को वह खराब हालत में देख चुकी थी, उन सबकी मदद को वह आगे आने लगी । फ़ोन कॉल पर ही वह लोगों को मदद पहुँचा रही थी ।गरीबों को खाना तक ठीक से मयस्सर नहीं हो पा रहा था ।निधिराज स्वयं पहली बार 27 प्लेट खाना बनाकर शहर में जरूरतमंदों के बीच वितरण करने गई । लेकिन उसे लगा कि वह अकेली लड़की जरूरतमंदों की पूरी मदद शायद नहीं कर पाएगी । फिर वह अपना एक एनजीओ - सेवानिधि फाउंडेशन - नाम से बनाई । इस संस्था के माध्यम से निधि हरदिन 80 से 400 प्लेट खाना जरूरतमंदों के बीच वितरण कर रही है और यह सिलसिला 550 से ज्यादा दिनों से चल रहा है ।धीरे-धीरे लोगों की मदद भी निधि को मिलनी शुरू हुई । बाढ़ के समय भी निधिराज ने राहत वितरण का काम की । बहुत सारे बुजुर्ग दिव्यांगों एवं बच्चों को नए कपड़े संस्था द्वारा दिये गए । इतना काम कर लेने के बाद निधि की नज़र वैसे बच्चों पर पड़ी जो सरकारी स्कूलों में नामांकित तो हैं ,किन्तु उन्हें कोई गाइड करनेवाला नहीं है ।निधिराज का मानना है कि हमारे समाज के लोग जबतक शिक्षित नहीं होंगे तबतक हम गरीबी खत्म नहीं कर सकते । फिर लोगों की मदद से एक पाठशाला शुरू की गई जहाँ 60 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जाती है ।निधि का विचार है कि गरीबों एवं जरूरतमंदों को आत्मनिर्भर बनाया जाए । लघु उद्योगों के बल पर लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना निधि का सपना है । साथ ही ऐसे लोगों के लिए एक आधुनिक अस्पताल भी बने जहाँ गरीबों का मुफ्त इलाज हो सके । लोगों को रोजगार दिलाने के लिए निधि ने खुद मशरूम फार्मिंग का प्रशिक्षण लिया । फिर अब वह गाँव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मशरूम की ट्रेनिंग दे रही है जिससे गाँव में ही महिलाएँ आत्मनिर्भर बन सकें । इसके अतिरिक्त निधि 100 से ज्यादा जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध करवाकर जान बचाने का स्तुत्य काम की है । जिन लोगों को समय पर खून नहीं मिलता रहता है और वे लोग निधि को सूचना देते हैं तो वह अविलम्ब रक्तदाता खोजकर उनके रक्तदान की व्यवस्था करती है और जरूरतमंदों को रक्त की आपूर्ति हो जाती है । इसकी जितनी सराहना की जाए, वह कम ही होगा ।
वास्तव में आज जरूरत है निधिराज जैसी लड़कियों को आगे बढ़ने में मदद की जिससे समाज का भला हो सके और विकास की दौड़ में पिछड़ी महिलाओं को सबल बनाया जा सके ।
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