रिपोर्ट : चन्दन कुमार
बिस्फी मिथिलांचल विभूतियों का समंदर है, एक से एक महान व्यक्ति यहां पैदा हुए हैं, कवि कोकिल विद्यापति मिथिला मैथिली और मिथिलांचल की मूल संस्कृति को संरक्षित एवं प्रसारित करने में प्रयत्नशील रहे हैं। वे हमारी संस्कृति के आदर्श पुरुष एवं राष्ट्र की विभूति हैं, लोक भाषाओं के आदि रचनाकार में आज भी उनका नाम अमर है ; उक्त बातें बिहार सरकार के मंत्री ललित यादव ने प्रखंड मुख्यालय स्थित विद्यापति स्मारक भवन के परिसर में विद्यापति स्मृति पर्व समारोह के उद्घाटन के दौरान कही । उन्होंने कहा कि विद्यापति की भाषाओं में जितनी सरसता है, उतनी ही अपनी संस्कृति एवं सभ्यता के प्रति जागरूकता भी , उनकी सरसता के कारण ही मां गंगा स्वयं चलकर उनके पास आई, देवाधिदेव उनके समक्ष स्वयं उपस्थित होकर उनके सान्निध्य में रहे, उनकी पावन स्मृति में आज हम सब यहां उपस्थित हुए हैं, यहां का विकास जरूर होगा और राजकीय समारोह भी होगा । विद्यापति स्मृति पर्व समारोह समिति बिस्फी कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख रीता कुमारी ने की । विद्यापति समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि महाकवि हमारी संस्कृति के अलंकारों में प्रमुख हैं, यही वजह है कि घर आंगन खेत खलिहान से लेकर बड़े-बड़े मंचों पर उनकी रचनाएं आज भी जीवंत हैं। मंच का संचालन चंदेश्वर प्रसाद चंद्रेश ने किया। इस मौके पर सांसद डॉ फैयाज अहमद, जिला परिषद अध्यक्ष बिंदु गुलाब यादव, प्रखंड प्रमुख रीता कुमारी राज कुमार यादव ,समाजसेवी आरिफ जिलानी अमर, मदन यादव,सोनी कुमारी, जय जय राम यादव अजीत नाथ यादव, शिवशंकर राय, राजू ठाकुर विश्वनाथ यादव, कैलाश यादव, राकेश कुमार यादव, विजय यादव, उमेश यादव सहित कई लोग उपस्थित थे ।
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