रिपोर्ट : उदय कुमार झा
17:10:2022
मधुबनी : मधुबनी ज़िला के औद्योगिक इतिहास में मील का पत्थर रहा है - लोहट चीनी मिल । पंडौल प्रखण्ड के एक विशाल भूभाग में फैला चीनी मिल एक समय गन्ना किसानों के लिए वरदान साबित होता था । यह इलाका गन्ना उत्पादन के लिए उपयुक्त होने के कारण किसान गन्ना की खेती करते थे एवं लोहट मिल में बेचकर आर्थिक रूप से समृद्ध होते थे । किन्तु, राजनीति का कुछ ऐसा चक्र चला कि लोहट चीनी मिल अकाल कालकवलित हो गया । सैकड़ों गन्ना किसान, मिल कर्मचारियों का बकाया अभी तक भुगतान नहीं हो पाया। सरकार ने कुछ दिनों पहले इसे निजी हाथों में सौंपा और ट्रकों में भरकर मज़दूर यहाँ स्क्रैप काटने पहुँच गए । इसका भारी विरोध स्थानीय जनता ने किया और उन मज़दूरों को वापस लौटना पड़ा । सोमवार को स्थानीय नेताओं, जैसे - ज़िप के पूर्व उपाध्यक्ष भारत भूषण, प्रफुल्लचन्द्र झा, मनोज चौधरी, प्रियरंजन पांडेय, अनूप मैथिल, सूर्यनाथ यादव आदि के नेतृत्त्व में जिला के कोने-कोने से सैकड़ों किसान मधुबनी समाहरणालय के समक्ष बने धरनास्थल पर एकत्र हुए । खास बात यह दिखी कि दल की सीमा से ऊपर उठकर किसान इस धरना में शरीक हुए । विशेषतः महिलाओं का बड़ी संख्या में आगे आना एक बड़ा संकेत लगा । सभी वक्ताओं ने लोहट चीनी मिल को पुनः प्रतिष्ठापित करने की माँग की ।
मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन के नेताओं एवं युवा कार्यकर्त्ताओं की खासी भागीदारी देखी गई । मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन आगे चरणबद्ध आन्दोलन चलाने पर भी विचार कर रही है ।
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