पटना: 25.7.2022
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारत की आजादी के 75 साल का जश्न मनाने के लिए विद्युत मंत्रालय ने बिहार सरकार के सहयोग से बिहार के शेखपुरा जिले में एक बिजली महोत्सव का आयोजन किया। बिजली महोत्सव राज्य और केंद्र सरकारों के बीच सहयोग और बिजली क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों को उजागर करने के लिए एक मंच के रूप में किया गया था।
बिजली महोत्सव पूरे देश में “उज्जवल भारत,उज्जवल भविष्य- पावर @ 2047 ” के तहत मनाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक जनभागीदारी हो और बिजली क्षेत्र के विकास को बड़े पैमाने पर नागरिकों तक पहुंचाया जा सके। महोत्सव के दौरान बिजली के क्षेत्र में हुई महत्वपूर्ण उपलब्धियों की जानकारी दी गई।
आज हमारी विद्युत उत्पादन क्षमता 2014 के 2,48,554 मेगा वाट से बढ़कर 4,00,000 मेगा वाट हो गई है, जो हमारी मांग से 1,85,000 मेगावाट अधिक है। अब भारत अपने पड़ोसी देशों को भी बिजली निर्यात कर रहा है। करीब 1,63,000 किलोमीटर लंबी संचरण लाइन का निर्माण कर पूरे देश को एक ग्रिड में जोड़ दिया गया है। लद्दाख से कन्याकुमारी तक और कच्छ से म्यांमार सीमा तक यह दुनिया में सबसे बड़े एकीकृत ग्रिड के रूप में घूम रहा है। इस ग्रिड का उपयोग कर देश के एक कोने से दूसरे कोने तक 1,12,000 मेगावाट बिजली पहुंचाई जा सकती है। वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से हमारी उत्पादन क्षमता 40% तक करने का लक्ष्य था जिसे तय समय से 9 साल पहले ही नवंबर 2021 तक हासिल कर लिया गया है। आज हम अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 1,63,000 मेगावाट बिजली पैदा करते हैं।
ग्रामीण विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में भी काफी प्रगति हुई है। 2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति का औसत 12.5 घंटे था, जो कि अब बढ़कर औसतन 22.5 घंटे हो गया है। 2018 में 987 दिनों में 100% ग्रामीण विद्युतीकरण हासिल किया गया। साथ ही 18 महीनों में 100% घरेलू विद्युतीकरण (2.86 करोड़) का लक्ष्य हासिल किया गया। यह कीर्तिमान हासिल कर दुनिया के सबसे बड़े विद्युतीकरण अभियान के रूप में भारत की पहचान हुई।
बिजली महोत्सव में शेखपुरा के जिला पदाधिकारी सावन कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में आसपास के गांवों और जिलों से भारी भीड़ देखी गई। गणमान्य व्यक्तियों ने बिजली के लाभों पर प्रकाश डाला और पिछले कुछ वर्षों से बिजली के क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व विकास के बारे में लोगों को जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान कई लाभार्थियों ने अपने अनुभव भी साझा किए। महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक और बिजली क्षेत्र पर लघु फिल्मों की स्क्रीनिंग का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसे सभी को कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ किया गया।
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