•चिकित्सा संस्थानों पर प्रसूताओं एवं बीमार नवजात शिशुओं को को निशुल्क चिकित्सा सुविधाएं
•संस्थागत प्रसव कराएं सुरक्षित मातृत्व का साथ एवं आर्थिक सहायता की सौगात
समस्तीपुर, 24 जून| स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने (जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम) एक जून 2011 को गर्भवती महिलाओं तथा रूग्ण नवजात शिशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए शुरू किया था। इस योजना के अंतर्गत मुफ्त सेवा प्रदान किया जाता है । इसमें गर्भवती महिलाओं तथा नवजात शिशुओं को खर्चों से मुक्त रखा गया है। योजना के तहत, गर्भवती महिलाएं को मुफ्त दवाएं एवं खाद्य, मुफ्त इलाज, जरूरत पड़ने पर मुफ्त खून दिया जाना, सामान्य प्रजनन के मामले में तीन दिनों एवं सी-सेक्शन के मामले में सात दिनों तक मुफ्त पोषाहार दिया जाता है। इसमें घर से केंद्र जाने एवं वापसी के लिए मुफ्त एम्बुलेंस सुविधा प्रदान की जाती है। इसी प्रकार की सुविधा सभी बीमार नवजात शिशुओं के लिए दी जाती है। इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में हर साल लगभग हजारों गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को योजना का लाभ मिला है।
कार्यक्रम में प्रसूताओं को मिलने वाली सुविधाएँ:
सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने कहा इस योजना के तहत
निःशुल्क संस्थागत प्रसव - जननी सुरक्षा कार्यक्रम की शुरूआत यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि प्रत्येक गर्भवती महिला तथा एक माह तक नवजात शिशुओं को बिना किसी लागत तथा खर्चे के स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है ।
निःशुल्क सीजेरियन ऑपरेशन - जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त प्रजनन सुविधाएं (सीजेरियन ऑपरेशन समेत) उपलब्ध करायी जाती हैं।
निःशुल्क दवाईयां एवं आवश्यक सामग्री-
गर्भवती महिलाओं को मुफ्त में दवाएं दी जाती हैं इनमें आयरन फॉलिक व कैल्शियम की टेबलेट दी जाती है।
निःशुल्क जाँच सुविधाएँ - इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को तीन बार प्रसव पूर्व जांच (एएनसी ) जैसे खून, पेशाब की जांच, अल्ट्रा-सोनोग्राफी आदि अनिवार्य और वांछित जांच भी मुफ्त कराई जाती है।
निःशुल्क भोजन -
स्वास्थ्य केंद्रों में सामान्य डिलीवरी होने पर तीन दिन तथा सीजेरियन डिलीवरी के मामले में सात दिनों तक मुफ्त पोषाहार दिया जाता है। जन्म से 30 दिनों तक नवजात शिशु हेतु सभी दवाएं और अपेक्षित खाद्य मुफ्त में मुहैया कराया जाता है ।
निःशुल्क रक्त सुविधा- आवश्यकता पड़ने पर प्रसूता को मुफ्त खून भी दिया जाता है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत ओपीडी फीस एवं प्रवेश प्रभारों के अलावा अन्य प्रकार के खर्चे करने से मुक्त रखा गया है।
जिले में जनवरी2022 से अब तक 3100 से अधिक हुआ प्रसव:
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल स्थित प्रसव कक्ष में प्रतिदिन औसतन 20 प्रसव कराए जा रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार जनवरी में 690, फरवरी में,738 मार्च में 673 अप्रैल में 556, 29 मई तक 453 कुल 3110 जिसमें सी -सेक्शन (सिजेरियन )106 वही संस्थागत प्रसव 3004 हुआ.
जननी शिशु सुरक्षा योजना की विशेषताएं
इस योजना के तहत गर्भवती महिला, जननी व नवजात शिशु लाभान्वित होते है । सभी को सरकारी चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है। जिसमें संस्थागत प्र्रसव, सिजेरियन ऑपरेशन, दवाईयां व अन्य सामग्री, लैब जांच, भोजन, ब्लड एवं रैफरल ट्रांसपोर्ट पूर्णतः निःशुल्क होते है। कार्यक्रम शुरू करने का मुख्य उद्देश्य मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर में भी कमी लाना है। योजना के तहत सभी गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा संस्थानों में प्रसव कराने पर प्रसव संबंधी पूर्ण व्यय का वहन, प्रसवपूर्व, प्रसव के दौरान व प्रसव पश्चात दवाईयां व अन्य कंज्युमेबल्स निःशुल्क उपलब्ध करवाए जाते है । जांच भी निःशुल्क होती है ।
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