प्रत्येक प्रखंड के दो दो महिला पर्यवेक्षिकाओं को दिया गया प्रशिक्षण
मधुबनी /13 जून
आईसीडीएस की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों पर आपदा प्रबंधन की तैयारी शुरू कर दी गई है। हर साल बाढ़ से जिले के कई प्रखंड प्रभावित होती है। इसके लिए आईसीडीएस डीपीओ शोभा सिन्हा ने डीआरडीए सभागार में प्रत्येक प्रखंड के दो दो महिला पर्यवेक्षिका को प्रशिक्षण दिया गया डीपीओ ने बताया कि ऐसे पोषक क्षेत्र की पहचान की जाए जो हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं और इससे यहां से सेवाएं बाधित हो जाती है। इन पोषक क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों को बाढ़ आने की स्थिति में दूसरी जगह पर ट्रांसफर किया जाएगा। साथ ही विषम परिस्थिति के लिए आवश्यक सामान जैसे- ग्रोथ चार्ट, वजन जांच मशीन, खिलौने, रोस्टर, पूरक आहार, राशन, गैस आदि स्टोर कर लेने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पेयजल, शिक्षा आदि की सेवाओं को लेकर संबंधित विभाग से तालमेल स्थापित कर समस्या के निष्पादन करने को कहा गया है। बाढ़ संभावित क्षेत्रों की सीडीपीओ सभी आंगनबाड़ी केंद्रों से उनके पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों की सूची प्राप्त कर जिला आपदा प्रबंधन शाखा को समर्पित करें ताकि, संभावित बाढ़ की विभीषिका के दौरान उन तक पर्याप्त सहायता पहुंचाई जा सके।
आपदा के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों पर कोरोना सुरक्षा का भी रखा जाएगा ध्यान :
बाढ़ के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों पर कोरोना का भी विशेष ख्याल रखा जाए। कहा गया है कि बाढ़ के समय महामारी फैलने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जाए कि बच्चों में सर्दी बुखार सहित अन्य वायरल लक्षण पाए जाने पर उन्हें घर पर ही रखा जाए ऐसे समय में सभी सेवाएं विभाग की ओर से घर पर ही उपलब्ध कराई जाएगी। बाढ़ के समय स्वास्थ्य विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए मोबाइल टीम भी बनाई गई है।
स्वास्थ्य सेवाओं को ले काम करेगी मोबाइल टीम:
आपदा के समय पोषक क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीम काम करेगी। इसके लिए पोषक क्षेत्र के कुपोषित बच्चे, वायरल से ग्रसित होने की संभावना वाले बच्चे और संभावित प्रसव वाली महिलाओं की सूची बनाने का आदेश दिया गया है। बताया जा रहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र वाली गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव की सेवा स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। क्षेत्र के कुपोषित बच्चे आपदा काल में संक्रमित नहीं हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एनआरसी और बच्चा वार्ड का भी संचालन करेगा। डीपीओ ने बताया कि बाढ़ पूर्व तैयारी शुरू कर दी गई है। बाढ़ प्रभावित आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची बनाई जा रही है। बाढ़ की संभावना को लेकर संबंधित केंद्रों पर दवा सहित सभी मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए मार्गदर्शिका जारी की गई है।
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