- स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटाइजेशन का हो रहा प्रयास, स्वास्थ्य सेवा का बेहतर क्रियान्वयन होगा संभव
समस्तीपुर , 15 जून ।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत स्वास्थ्य संबंधी तमाम सेवाओं के डिजिटाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत अब हेल्थ फैसिलिटी को डिजिटल रजिस्ट्रेशन की सेवा उपलब्ध होगी। इसके माध्यम से लोगों का स्वास्थ्य रिकार्ड डिजिटली संरक्षित होगा। आभा यानि आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट लोगों के हेल्थ हिस्ट्री को एक जगह सहेजने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसे डिजिटल हेल्थ कार्ड नाम दिया गया है। जिले में डिजिटल हेल्थ कार्ड निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। इसे लेकर बुधवार को विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला अनुश्रवण व मूल्यांकन पदाधिकारी आलोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इसमें प्रशिक्षक के रूप में भाग लेते हुए पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर मनीष कुमार व पीएल राजीव कुमार ने स्वास्थ्य अधिकारियों को डिजिटल हेल्थ कार्ड निर्माण के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराते हुए इससे होने वाले लाभ की जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में गांधी फेलोशिप के सोनू और अनिल जी सहित सभी प्रखंड अनुश्रवण व मूल्यांकन पदाधिकारी मौजद थे।
हेल्थ कार्ड में संधारित होगी मरीज के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी :
स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रशिक्षण देते हुए पिरामल के प्रोग्राम लीडर मनीष कुमार ने बताया कि आयुष्मान भारत हेल्थ अकांउट में आप अपने सभी मेडिकल रिकॉर्डस, डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन, लैब रिपोर्ट, हॉस्पिटल रिपोर्ट सहित अन्य स्वास्थ्य रिकार्ड को सहेज कर रख सकते हैं। ये सारे डॉक्यूमेंटस 14 अंकों के हेल्थ आईडी के जरिये कभीं भी एक्सेस किया जा सकेगा। पिरामल स्वास्थ्य के पीएल राजीव कुमार ने बताया कि किसी चिकित्सक को अपने पूरी मेडिकल हिस्ट्री बताने के लिये रोगी को सिर्फ अपना आईडी नंबर बताना होगा। एक तरह से ये डिजिटल हेल्थ रिकार्ड है। जिसमें आपकी पर्सनल हेल्थ हिस्ट्री होगी आधार, मोबाइल नंबर व ड्राइविंग लाइसेंस के जरिये हेल्थ आईडी बेहद आसान तरीके से क्रिएट किया जा सकता है।
मैन्यूल डेटा पर कम होगी हमारी निर्भरता :
आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट यानि आभा कार्ड के संबंध में जानकारी देते हुए जिला अनुश्रवण व मूल्यांकन पदाधिकारी आलोक कुमार ने कहा कि हर व्यक्ति का आभा कार्ड बनाया जाना है। आधार कार्ड और इससे लिंक मोबाइल नंबर के जरिये कार्ड जेनरेट किया जा सकता है। इसकी मदद से दूर-दराज के बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में बैठे चिकित्सक इस आईडी नंबर के सहारे मरीज के स्वास्थ्य संबंधी तमाम जानकारी महज एक क्लिक से प्राप्त कर सकेंगे। स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटाइजेशन के लिहाज से ये बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला व नवजात से संबंधित आरसीएच पोर्टल पर दर्ज जानकारी आसानी से उनके हेल्थ कार्ड में संधारित हो जायेगी। इसके लिये ये निर्णय लिया गया है कि सबसे पहले सभी पंचायतों को आरसीएच पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। इसके बाद प्रखंड व निर्धारित समयांतराल पर इसे पूरे जिले में क्रियान्वित किया जायेगा। इसकी मदद से मैन्यूल डेटा पर हमारी निर्भरता कम होगी व लोगों को सही समय पर उचित सेवा उपलब्ध करायी जा सकेगी।
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