यक्ष्मा उन्मूलन के लिए मासिक समीक्षा बैठक आयोजित
•टीबी उन्मूलन के लिए हो रहे प्रयासों पर चर्चा
•आभा कार्ड जेनरेटर करने का निर्देश
•टीबी मरीजों की पहचान होते ही गृह भ्रमण करें
मधुबनी, 7 मई।
स्वास्थ्य विभाग व जिला यक्ष्मा विभाग 2025 तक टीबी उन्मूलन हेतु संकल्पित है. जिला की वस्तुस्थिति एवं उन्मूलन में आ रही चुनौतियों को लेकर शनिवार को एएनएम छात्रावास मे मासिक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी एसटीएस, एसटीएलएस, एलटी शामिल हुए। इस अवसर पर टीबी रोग के उन्मूलन को लेकर जिले में किये जा रहे प्रयासों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान सीडीओ डॉक्टर जीएम ठाकुर ने सभी एसटीएससी-एसटीएलएस को निर्देश दिया कि निश्चय पोर्टल पर प्रतिदिन टेस्ट लिस्ट मॉनिटरिंग करें। साथ ही नियमित रूप से अपडेट भी करते रहे। लापरवाही नहीं बरतने की बात कही गई। एवं जिले में जो परमानेंट लैब टेक्निशियन की नियुक्ति हुई है उनसे बलगम जांच कार्य कराया जाए उपस्थित सभी प्रभारी निर्देश दिया कि जहां कहीं कोई परेशानी हो अभिलंब सिविल सर्जन व वीडियो को सूचित करें. जिला के टीबी नोटिफिकेशन मे और सुधार करने का निर्देश दिया। सभी पंजीकृत टीबी रोगियों का घर भ्रमण कर संपर्क में रहने वाले 5 वर्ष तक के बच्चों एवं वयस्कों में टीबी की स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया गया तथा योग्य बच्चों को एवं बच्चों की लाइन लिस्टिंग करवाने का निर्देश दिया गया.
आभा कार्ड जेनरेटर करने का निर्देश :
संचारी रोग पदाधिकारी डॉ जीएम ठाकुर ने बताया कि सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत पदाधिकारी एवं कर्मियों का विवरण निश्चय पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी का आभा जनरेट कर आईडी कार्ड को डीटीसी ग्रुप में शेयर करना है। साथ ही वर्तमान में दवा खा रहे मरीजों को डोनर के माध्यम से राशन सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इसके लिये इच्छुक मरीजों से कॉन्सेप्ट फॉर्म 10 मई तक प्राप्त कर अपलोड कराने का निर्देश दिया गया।
प्राइवेट अस्पतालों से नोटिफिकेशन बढ़ाने का निर्देश:
प्राइवेट सेक्टर से टीबी मरीजों के कम नोटिफिकेशन पर डॉ ठाकुर ने कहा कि इसमें सुधार की जरूरत है। डॉक्टर फॉर यू के प्रतिनिधि को सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दिया गया। इसके साथ ही टीबी उन्मूलन को लेकर जिले भर में चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई।
टीबी मरीजों की पहचान होते ही गृह भ्रमण करें:
यक्ष्मा रोग एक जटिल रोग है। इसे जल्द से जल्द पहचान कर इलाज शुरु किया जाना चाहिए, ताकि दूसरों व्यक्तियों में यह संक्रमित बीमारी न पहुंचे। वहीं बैठक के दौरान सभी एसटीएस को यह भी निर्देश दिया कि यक्ष्मा रोग की पहचान होते ही एसटीएस उसके घर का भ्रमण जरूर करें। गृह भ्रमण के दौरान छह वर्ष तक की उम्र के बच्चों को जेएनएच की गोली देना सुनिश्चित करें। वहीं अगर गृह भ्रमण के दौरान उनके घर के किसी व्यक्ति में भी टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो शीघ्र ही उनके बलगम जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
समीक्षा बैठक में केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी अनिल कुमार, , डीपीसी पंकज कुमार, सतनारायण शर्मा, लेखापाल आरके सिंह, भुवन नारायण कंठ, मोहम्मद अमीरूद्दीन, सत्यनारायण शर्मा,लैब टेक्निशियन, एसटीएस, एसटीएलएस व साथ मे ट्रूनट,सीबीनट के लैब टेकनीशियन , एच आई वी कॉउंसलर ,डीएफआई , आई आई एच उपस्थित थे
मौजूद रहे।
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