सखी बहिनपा मैथिलानी ग्रुप द्वारा मैथिली के हित में धरना
न्यूज़ डेस्क : मधुबनी
सखी बहिनपा मैथिलानी समूह,मधुबनी द्वारा मिथिला क्षेत्रमे प्रारंभिक शिक्षा मैथिली माध्यम से दिया जाय,भारत सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षामे मैथिली विषय को शामिल करे,मीडिया के क्षेत्र में मैथिली को वरीयता दिया जाय ; आदि माँगों को लेकर जिला समाहरणालय मधुबनी के सामने एक दिवसीय धरना दिया गया। उनके समर्थन में 'पाठशाला मे मैथिली संघर्ष समिति' के सदस्यों ने भी धरना दिया । विदित हो कि सखी-बहिनपा मैथिलानी समूह की स्थापना मैथिली भाषा को उसका उचित स्थान दिलाने के उद्देश्य से आरती झा द्वारा की गई । आरती झा का कहना है कि मैथिली एक प्राचीन एवं समृद्ध भाषा है जिसको आम बोलचाल के साथ-साथ कामकाज में अधिकाधिक प्रयोग द्वारा ही संरक्षित किया जा सकता है ।धरना स्थल पर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए सखी बहिनपा मधुबनी की संयोजिका छाया मिश्रा बोली कि मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करना बच्चों का मौलिक अधिकार है।शिक्षा अधिकार अधिनयम 2009 और नयी शिक्षा नीति-2020 में भी बच्चों को अपने मातृभाषा में शिक्षा देने की बात कही गयी है।इसलिए हम बिहार सरकार और भारत सरकार दोनों से यह माँग करते हैं कि मिथिला क्षेत्र अवस्थित विद्यालयों ,चाहे वह बिहार सरकार के द्वारा संचालित हो या केन्द्र सरकार के द्वारा, यहाँ बच्चों को इसी सत्र से मातृभाषा में शिक्षा देने की बात सुनिश्चित करने का काम किया जाय। साहित्यकार और मैथिली अभियानी दिलीप कुमार झा ने कहा कि संसार के सभी शिक्षा विशेषज्ञ मातृभाषा माध्यम से शिक्षा को सर्वग्राही और सर्व समावेशी मानते हैं।मैं बिहार सरकार से पत्र संख्या 529 दिनांक 12/09/1973 को फिर से लागू करने की माँग करता हूँ जिसके माध्यम से सम्पूर्ण मिथिला क्षेत्र के विद्यालयों में मैथिली माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा आरंभ किया गया था जिसे बाद में किसी कारणवश सरकार ने बन्द कर दिया। पाठशालामे मैथिली संघर्ष समिति के संयोजक प्रीतम कुमार निषाद ने सरकार से अविलंब मैथिली माध्यम से शिक्षा देने की माँग की।श्री निषाद ने धरनासभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मैथिली सभी वर्ग समूह की भाषा है। मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा आरंभ होने से सबसे अधिक लाभ अभिवंचित वर्ग के बच्चों को होगा। जिनके घर में आज तक शिक्षा का दीप नहीं जला है वहाँ रोशनी पहुँचाने के लिए सबसे जरूरी काम यही है । सखी बहिनपा समूह की ओर से वन्दना झा ने कहा कि मातृशक्ति मातृभाषा को बचाने के लिए अब आगे आ गयी हैं । सरकार इसे विद्यालय में लागू करे और हमलोग अपने घरों में अपने बच्चों से मात्र मातृभाषा में ही संवाद करें।धरना सभा को डा.रानी झा,कल्पना सिंह,रागिनी कुमारी,नीरजा सिंह,सुमन कुमार आदि ने सम्बोधित किया।ज्योतिरमण झा बाबा,आशीष कुमार मिश्र,प्रो.इश्तियाक अहमद,प्रो.वंशीधर मिश्र, अनिल मिश्र,अभिषेक कुमार झा,गोपाल झा अभिषेक,बलराम मिश्र मैथिल,श्रीनारायण मिश्र,पुष्पा झा,प्रिया झा,वीरेन्द्र साह,अरविन्द प्रसाद,अम्बे मिश्र आदि ने भी उपस्थित लोगों को सम्बोधित किया।
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