“किलकारी” रख रही गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं की सेहत का ख्याल
मोबाइल आधारित एप कर रहा जागरूक
फोन कर गर्भवती महिलाओं को दी जा रही जानकारी
टोल फ्री नंबर से भी ली जा सकती है जानकारी
मधुबनी / 29 मार्च : गर्भवती महिलाओं एवं शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सरकार अनेक स्तर पर प्रयास कर रही है। प्रत्येक योजनाओं की सफलता जन-समुदाय की जागरूकता पर भी निर्भर करती है। इस दिशा में मोबाइल आधारित एप किलकारी प्रभावी साबित हो रही है। अब गर्भवती और एक साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े जरूरी संदेश को किलकारी एप्लिकेशन के जरिये दिया जा रहा है। इसके लिए एएनएम या आशा की सहायता से गर्भवती माता का पूरा विवरण स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम(एमसीटीएस) पोर्टल पर दर्ज कराना अनिवार्य है।
फोन कर दी जा रही जानकारी:
एसीएमओ डॉ आर के सिंह ने बताया किलकारी एप्लिकेशन का मुख्य उद्देश्य गर्भवती माताओं एवं एक साल तक के शिशुओं को उनके स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी प्रदान कराना है। जिसमें प्रसव पूर्व जांच, संस्थागत प्रसव एवं शिशु देखभाल संबंधित जानकारी गर्भवती माता या उनके अभिभावक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कॉल या मैसेज कर दी जाती है। इसके लिए गर्भवती माता का पूरा ब्योरा जिला एमसीटीएस पोर्टल पर दर्ज कराया जाता है।
जागरूकता में सहयोग:
डॉ. सिंह ने बताया किलकारी एप सरकार की अनूठी पहल है। इससे गर्भवती महिलाएं एवं एक साल तक के बच्चों को संदेश के जरिये जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए सभी आशा एवं एएनएम को जानकारी भी दी गयी है। साथ ही अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं को इस मुहिम से जोड़ने की भी उनसे अपील की गयी है।
एक साल तक दी जा रही सुविधा:
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए गर्भावस्था का बेहतर देखभाल जरूरी होता है। इसमें प्रसव पूर्व जाँच से लेकर पोषण का ख्याल रखना मुख्य रूप से शामिल होता है। साथ ही शिशु के स्वास्थ्य का एक साल तक बेहतर देखभाल भी जरूरी माना जाता है। जिसमें शिशु का टीकाकरण भी महत्वपूर्ण होता है। इसको ध्यान में रखते हुए किलकारी एप की मदद से एक साल तक प्रत्येक सप्ताह फोन के जरिये संदेश प्रदान करने का प्रावधान बनाया गया है।
ऐसे कार्य करता है एप:
किलकारी एप की सहायता से गर्भवती माताओं एवं उनके शिशु का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इस एप के जरिये रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर लगभग 72 मैसेज भेजे जाते हैं। जिसमें गर्भावस्था के दौरान बेहतर पोषण, प्रसव पूर्व जाँच एवं बच्चों के लिए टीकाकरण के समय के बारे में जानकारी दी जाती है।
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