Breaking

Post Top Ad

Your Ad Spot

Wednesday, 16 March 2022

होली का महत्त्व वैदिक काल से ही : आचार्य डॉ. राजनाथ झा

होली का महत्त्व वैदिक काल से ही : आचार्य डॉ. राजनाथ झा



न्यूज़ डेस्क : मधुबनी


भारतीय सनातन धर्म में होली पर्व का महत्व वैदिक कालिक है । इस पर्व को मनाने की परम्परा वैदिक काल से हमारे राष्ट्र में चली आ रही है । होलिका दहन एक वैदिक यज्ञ है जिसमें आदिकाल से ही हमारे संस्कृति में नए कृषि फसल को अग्नि को समर्पित कर गृहस्थ लोग अपने गृहस्थी में उपयोग करते हैं ।
साथ ही होली पर्व एक प्रेम सौहार्द का पर्व है । मानव मात्र एक दूसरे से गीले शिकवे को छोड़ कर गले मिलते हैं ।
होलिका दहन में जो विकृतियां आ रही है ,उससे बचना आवश्यक है । बहुत सारे लोग बगैर जानकारी के टायर, ट्यूब, अविहित लकड़ी आदि जलाते हैं जो न तो प्रकृति के लिए ठीक है, न समाज के लिए । अतः इन चीजों से परहेज आवश्यक है ।
होली एक सात्विक पर्व है । अतः इस पर्व पर तामसिक आहार लेना भी श्रेष्ठ नहीं माना गया है । होली उल्लास और प्रेम-सौहार्द्र का पर्व है ।
इस वर्ष 17 । 3। 22 को रात्रि कालीन पूर्णिमा रहने से भद्रा सम्पाति के पश्चात रात्रि 1बजकर 9 मिनट के वाद होलिका दहन होगा ।
18 । 3 । 22 को उदयगामिनी पूर्णिमा रहने से पूर्णिमा स्नान दान और अपने अपने कुलदेवता को भक्त लोग सिंदूर पातरी आदि अर्पण करेंगे ।
19 । 3 । 22 को प्रतिपदा रहने से होली खेल होगा ।
किसी भी पर्व का निर्णय धर्मशास्त्र के आधार पर होता है जो इस प्रकार से है ।
आवश्यक नही कि होलिका दहन के अगले ही दिन होली हो । यह निर्णय तिथि के आधर पर होता है । इसलिए कोई भ्रान्ति नहीं है । समस्त सनातन धर्मावलम्बियों को उपर्युक्त आधर पर ही होली पर्व मनाना धर्मशास्त्रोचित है ।  होलिकादहन के धुआँ से भी प्रकृति में होने वाले समस्त शुभाशुभ फल की जानकारी प्राप्त करने के विधि भी हमारे भारतीय आदर्श ऋषियों ने बतलाए हैं ।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Your Ad Spot
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 8 हजार वैकेंसी, 7 दिसंबर 2023 अप्लाय करने की लास्ट डेट। उम्मीदवार sbi.co.in/careers पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। ITBP में कॉन्स्टेबल के 248 पदों पर भर्ती। उम्मीदवार recruitment.itbpolice.nic.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। बीपीएससी से चयनित नव नियुक्त शिक्षकगण 21 नवंबर तक जॉइन नहीं किया तो जाएगी नौकरी:शिक्षा विभाग। आज से नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है। विशेष राज्य की मांग पर सियासत तेज:राजद बोली-हर हाल में लेंगे।