निक्षय दिवस टीबी उन्मूलन व जागरूकता के लिए मीडिया कार्यशाला का आयोजन
जिले मे टी-बी कार्यक्रम के तहत वर्ष 2025 उन्मूलन का लक्ष्य
•सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से हुआ कार्यशाला
मधुबनी/14 मार्च
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा टी बी उन्मूलन के लिए तथा मिल रही सुबिधाओं की सामुदायिक स्तर पर पहुंच सुनिश्चित करने एवं टी-बी के प्रति जनजागरूकता को बढ़ाने के शुरुआत की गयी है। जिले मे टी-बी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2025 तक देश से टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टी-बी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। जहां पर वह अपना इलाज करा सकते हैं। इसके साथ उनको निशुल्क दवा भी दी जाती है जो नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। इससे टीबी के मरीजों को काफी सहूलियत होती है। देश के साथ जिले को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है और इसीलिए टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान(ACF) में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया गया है। टीबी के मरीजों को उचित खुराक उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से निक्षय पोषण योजना चलायी गयी है। जिसमें टीबी के मरीजों को उचित पोषण के लिए 500 रुपये प्रत्येक महीने (6माह तक )दिए जाते हैं। यह राशि उनके खाते में सीधे पहुंचती है। सरकार की मंशा है कि टीबी के मरीजों में 2025 तक 90% की कमी लायी जा सके। सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया टीबी मरीजों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए पूरे विश्व में 25% टीबी के मरीज भारत में ही हैं. जिसके उन्मूलन के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. किसी भी कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए मीडिया की भूमिका अहम होती है इसीलिए सोमवार को एएनएम छात्रावास में टी-बी उन्मूलन व जागरूकता के लिए सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन सिविल सर्जन ने दीप प्रज्वलित कर किया.
टीबी आरोग्य साथी एप:
सिविल सेर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मरीजों के लिए नई पहल करते हुए टीबी आरोग्य साथी ऐप लॉन्च किया है lक्षय रोग से ग्रसित मरीजों का टीबी आरोग्य साथी ऐप मददगार है टीबी के मरीज टी-बी आरोग्य साथी मोबाइल ऐप को व्यवहारिक रूप में प्रयोग कर इस ऐप के माध्यम से रोगी न सिर्फ अपनी प्रगति रिपोर्ट देख सकेंगे बल्कि टीबी से संबंधित समस्त जानकारी भी उन्हें प्राप्त होगी। इससे मरीज अपनी आईडी डाल निश्चय योजना द्वारा मिलने वाली राशि की स्थिति भी देख सकते हैं एवं दवा की भी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां टीबी से जुड़ी हर जानकारी उपलब्ध है एप में एनटीईपी के तहत पंजीकृत रोगियों के लिए यह डिजिटल रिकार्ड तक पहुंचने के लिए एक पोर्टल की तरह कार्य करता है। इसके अंतर्गत टीबी परीक्षण और उपचार विवरण विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के तहत देय राशि का विवरण स्वास्थ्य प्रदाता तक पहुंच और उपचार या किसी भी जानकारी के लिए अनुरोध किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त टीबी से संबंधित समस्त जानकारी टी-बी जांच एवं उपचार की नजदीकी सुविधा टीबी के जोखिम का आकलन करने के लिए स्क्रीनिंग टूल पोषण संबंधी सहायता एवं परामर्श आदि जैसी जानकारी भी ली जा सकती है। एसीएमओ डॉ आर के सिंह ने बताया टी-बी बीमारी का पता लगाने के लिए अभी तक मरीजों का बलगम लिया जाता था और इसके बाद बलगम की जाँच होती थी अब इसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाईटेक कर दिया गया है अब इंसानों की आवाज से बीमारी का पता लगाया जा सकता है स्वास्थ विभाग द्वारा फील्डिं ऐप लांच किया गया है ऐप्स से स्वास्थ्य कर्मी इंसान की खासी की आवाज रिकॉर्ड करते हैं ऐसे लोगों की आठ बार आवाज रिकॉर्ड किया जाता है जिसके बाद इसे जांच के लिए भेजा जाता है
संक्रमित के परिवार के अन्य सदस्य भी कराएं टीबी का जांच:
केयर इंडिया के महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया जिस व्यक्ति को टीबी हो उनके परिवार में अन्य लोगों को भी 180 टेबलेट खानी चाहिए तथा अपनी जांच करवाएं चुकी टीबी का अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है.
जिले में उपलब्ध ट्रूनट मशीन:
सीडीओ डॉक्टर जीएम ठाकुर ने बताया जिले में 8 स्वास्थ्य संस्थानों पर ट्रूनट मशीन से जांच की जाती है जिसके तहत बिस्फी, बाबूबरही, बेनीपट्टी, जयनगर, पंडोल, फुलपरास में मशीन स्थापित कर जांच शुरू की जा चुकी है जिससे मात्र 1 से 2 घंटे में जांच रिपोर्ट पता चल जाता है.
जिले मे टीबी के मरीज की संख्या:
जिले में चिन्हित टीबी मरीजों की संख्या 3867 है जिसमे सरकारी संस्थानों से 1955 तथा प्राइवेट संस्थानों से 1912 मरीजों को चिन्हित किया गया है जिसमे 2956 मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत भुगतान किया जा चूका है और शेष मरीजों को जल्दी ही राशि उनके खाते के माध्यम से भुगतान प्रक्रियाधीन है वर्त्तमान में 70,41000 का भुगतान किया गया है
टीबी उन्मूलन के लिए सामुदायिक स्तर पर चलने वाले अभियान:
•मंदिर व मस्जिद से माईकिंग कर जागरूकता अभियान
•जीविका महिलाओं के समूह मे सहभागिता सुनिश्चित कर टीबी के प्रति जागरूकता अभियान
•स्कूलों में टीबी पर प्रतियोगिता का आयोजन
•मंगलवार को टीबी ट्यूजडे मनाया जा रहा है
•आशा आंगनबाडी घर घर मरीजों को कर रही स्क्रिनिंग
•समाज सेवी, धार्मिक व जनप्रतिनिधि से टीबी उन्मूलन के लिए जागरूकता कार्यक्रम के लिए अपील
•समुदाय स्तर पर टीबी फ्री इंडिया नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म जगह जगह दिखाई जा रही है ताकि टीबी का उन्मूलन किया जा सके
टी- बी रोग के लक्षण:
•लगातार 2-3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
खांसी के साथ खून का आना
•छाती में दर्द और सांस का फूलना
•वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
•शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
•रात में पसीना आना
मौके पर डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉक्टर आदर्श वर्गीज, के यर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी, यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा, डीपीसी पंकज कुमार, सीफार के डिविजनल कोऑर्डिनेटर प्रोग्राम अमन कुमार, डिविजनल मीडिया अजय कुमार, अनिल कुमार, इस्माहतुल्ला उर्फ गुलाब सहित मीडिया कर्मी, एसटीएस उपस्थित थे.
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