4.0 मिशन इंद्रधनुष की हुई शुरुआत
- 1441 सत्र स्थलों पर किया जाएगा प्रतिरक्षित
- दो वर्ष से कम तथा गर्भवती महिलाओं को लगेगा टीका
- सहयोगी संस्था, आईसीडीएस, पंचायतीराज के सदस्य करेंगे सहयोग
मधुबनी, 7 मार्च ।
जिले में दो वर्ष से नीचे के सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने के लिए सोमवार को (प्रथम चक्र) से सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत डीडीसी विशाल राज ने मगरौनी शेख टोली मे किया. अभियान 1441 सत्र स्थलों पर चलाया जाएगा. जिसमे 17147 बच्चों को प्रतिरक्षित किया जाएगा तथा 2805 गर्भवती महिलाओं को प्रतिरक्षित किया जाएगा अभियान के तहत जिला के सभी प्रखंडों में चयनित सत्र स्थलों पर गर्भवती महिलाओं एवं 2 वर्ष तक के बच्चों का विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाव को ले टीकाकरण किया जायेगा। 90 प्रतिशत आच्छादन की प्राप्ति को लेकर इस अभियान में शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जाएंगे। इसके अलावा अभियान में गर्भवती को टेटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका भी लगाया जाएगा। डीडीसी ने कहा कि कोई भी शिशु छूटे नहीं इसकी योजना बनाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया पंचायत स्तर पर टीकाकरण समिति बनाने तथा पूर्व की रणनीति पर कार्य किया जाएगा। उन स्थलों की प्राथमिकता दी जाएगी जिन गांव तथा टोला में जहां नियमित टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं हुआ हो। कम आच्छादन वाले नियमित टीकाकरण सत्र तथा ऐसा टीकाकरण सत्र जहां विगत 6 माह में 2 या 2 बार से अधिक टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं किया गया हो। साथ ही ऐसा टीकाकरण सत्र जहां विगत एक वर्ष के अंदर काली खांसी, गलघोटू, खसरे का केस या आउटब्रेक पाया गया हो। इसके अतिरिक्त ईट भट्ठा, दियारा क्षेत्र ,मलिन बस्ती इत्यादि जहां पर स्वतंत्र रूप से टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं होता हो उन्हें प्राथमिकता सूची में अवश्य कवर करना सुनिश्चित करें।
मिशन इंद्रधनुष सात बीमारियों से बचाने में सहायक:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एस के विश्वकर्मा ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष से बच्चों में होने वाली सात प्रमुख बीमारियों तपेदिक, पोलियोमाइलाइटिस, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस और खसरा का खतरा कम होगा. बताया कि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टीकों की संख्या 12 होती है. इसमें खसरा रूबेला, रोटावायरस, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप-बी और पोलियो के खिलाफ टीकों को शामिल करने के बाद इन टीकों की संख्या 12 हो गई है.
नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देना अभियान का उद्देश्य
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकरी डॉ. एस के मिश्रा ने बताया कि वैश्विक महामारी के इस दौर में नियमित टीकाकरण की प्रक्रिया प्रभावित हुई है. इसमें सुधार के लिये विशेष प्रयास की जरूरत है. मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष चार के तहत जिला भर में पहले चक्र का अभियान सात मार्च से शुरू होगा. इसके बाद सात अप्रैल से दूसरा व सात मई से तीसरे व अंतिम चक्र के टीकाकरण अभियान का संचालन किया जायेगा. इस अभियान के तहत दो वर्ष उम्र तक के बच्चे व गर्भवती महिलाओं के शत- प्रतिशत टीकाकरण का प्रयास किया जायेगा.
तीन राउंड में आयोजित होगा साप्ताहिक नियमित टीकाकरण :
डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉक्टर आदर्श वर्गीज ने बताया, इंद्रधनुष अभियान के तहत तीन राउंड में साप्ताहिक नियमित टीकाकरण का जिले भर में आयोजन होगा। पहला राउंड 07 से 13 मार्च तक , दूसरा 04 से 10 अप्रैल तक एवं तीसरा राउंड का 02 से 08 मई तक आयोजन होगा। प्रत्येक राउंड में पूरे सप्ताह नियमित टीकाकरण का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर सारी तैयारियाँ पूरी कर ली गई। ताकि सामुदायिक स्तर पर अधिकाधिक लोग लाभांवित हो सकें और अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित हो सके।
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